नारी शशक्तिकरण एवं व्यक्तित्व विकास्
180 बालिकाओं को अपनी संस्कृति के बहुमूल्य सूत्र सिखाये
माकड़ौन, उज्जैन। मध्य प्रदेश
इन दिनों शिक्षक, चिकित्सक, अभिभाषक, अभियंता आदि सभी व्यवसायों के लिए प्रशिक्षण संस्थान चल रहे हैं, लेकिन बच्चे की पहली गुरू उसकी माता के शिक्षण-प्रशिक्षण की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। प्रशिक्षित माता सद्गुणी, स्वस्थ, संस्कारवान संतान का निर्माण कर सकती है। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर गायत्री परिवार द्वारा माकड़ौन में तीन दिवसीय आवासीय कन्या कौशल शिविर आयोजित किया गया। शिविर में आईं 180 कन्याओं को भारतीय संस्कृति की उत्कृष्ट परम्पराओं में ढलने के लिए उपयोगी सूत्र दिए गए।
गायत्री महिला मंडल माकड़ौन द्वारा संचालित इस आयोजन में श्रीमती नीति टंडन, सुश्री शैल बाला पाटीदार, श्री राधेश्याम गामी ने विशिष्ट व्याख्यान दिए। उनके द्वारा कन्याओं को गायत्री महामंत्र, योग, आत्मरक्षा, स्वास्थ्य प्रबंधन, यज्ञ का ज्ञान विज्ञान और यज्ञोपैथी, षोडश संस्कार विवेचन, जीवन प्रबंधन, मोबाईल फोन का सही उपयोग, परिवार प्रबंधन, गुरूदेव के जीवन के प्रेरणाप्रद प्रसंग और गुरूदेव की हमसे अपेक्षाएँ आदि विषयों पर मार्गदर्शन दिया गया।
गायत्री परिवार उज्जैन के प्रचार प्रसार सेवक श्री देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव के अनुसार सभी कन्याओं को देव स्थापना चित्र, गायत्री मंत्र लेखन पुस्तिका, गायत्री यज्ञ विधि की पुस्तका भेंट की गई। उन्हें प्राप्त सूत्रों को अपने जीवन में अपनाने, दूसरों को सिखाने तथा अपने क्षेत्र में बाल संस्कार शाला चलाने की प्रेरणा दी गई।