नवधा भक्ति के रस में डूबे साधकगण
नवरात्र साधना सत्र में श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी के साथ नित्य सत्संग का लाभ मिला
वर्ष के दोनों नवरात्रों में श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी का दैनिक उद्बोधन आत्मोत्थान की अभिलाषा से साधना-अनुष्ठान करने वाले साधकों के लिए एक विशिष्ट सुयोग है। वैसे तो ऑनलाइन लाखों लोग यह संदेश सुनकर लाभान्वित होते हैं, लेकिन परम पूज्य गुरूदेव और परम वंदनीया माताजी के तप की ऊर्जा से अनुप्राणित युगतीर्थ शान्तिकुञ्ज में उदात्त चिंतन, सामूहिक संकल्प और पुरूषार्थ से निर्मित दिव्य वातावरण में उनका मार्गदर्शन विशेष लाभदायी सिद्ध होता है।
प्रस्तुत नवरात्र में श्रद्धेय डॉक्टर साहब ने श्रीरामचरित मानस में माता शबरी की योग साधना के नौ सोपानों को अपनी दैनिक कक्षाओं का आधार बनाया। यूके, यूएसए, कनाडा, सऊदी अरब, कुवैत, दुबई और देशभर से आए हजारों साधकों और शान्तिकुञ्ज के अंतेवासियों ने नवरात्र साधना सत्र में भागीदारी की। वातावरण का ही प्रभाव है कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी आत्मिक उत्थान के इस विशिष्ट साधना पर्व में शामिल हुए। श्रद्धेय कुलाधिपति जी का मार्गदर्शन पाकर दैनिक जप, तप, यज्ञ, साधना, अनुष्ठान आदि में बड़े उत्साह के साथ भाग लेते रहे।