दिनभर चले कार्यक्रम से हजारों ...

उज्जैन। मध्य प्रदेश से होने वाले व्यक्तिगत, सामाजिक अदनी-सी तम्बाकू की गुलामी लाभों की जानकारी दी और...

July 26, 2024, 10:10 a.m.

देसंविवि के नवीन शैक्षणिक सत्र...

ज्ञानदीक्षा ज्ञान के उदय का पर्व ः डॉ चिन्मय पण्ड्या हरिद्वार 22 जुलाई। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शा...

July 23, 2024, 9:29 a.m.

Yug Parivartan Ka Aadhar युग ...

जाति या लिंग के कारण किसी को ऊँचा या किसी को नीचा न ठहरा सकेंगे, छूत- अछूत का प्रश्न न रहेगा। गोरी च...

July 20, 2024, 10:13 a.m.

‘‘हम बदलेंगे युग बदलेगा’’ सूत्...

आदत पड़ जाने पर तो अप्रिय और अवांछनीय स्थिति भी सहज और सरल ही प्रतीत नहीं होती, प्रिय भी लगने लगती है...

July 20, 2024, 10:10 a.m.

‘‘हम बदलेंगे युग बदलेगा’’ सूत...

यदि वर्तमान परिस्थिति अनुपयुक्त लगती हो और उसे सुधारने बदलने का सचमुच ही मन हो तो सड़ी नाली की तली तक...

July 20, 2024, 10:08 a.m.

‘‘हम बदलेंगे युग बदलेगा’’ सूत्...

युग परिवर्तन या व्यक्ति परिवर्तन के लिए व्यक्तिगत दृष्टिकोण और समाजगत प्रवाह प्रचलन को बदलने की बात ...

July 20, 2024, 10:05 a.m.

‘‘हम बदलेंगे युग बदलेगा’’ सूत्...

भटकाव से भ्रमित और कुत्साओं से ग्रसित व्यक्ति ऐससी ललक लिप्साओं में संलग्न रहता है जिन्हें दूरदर्शित...

July 20, 2024, 10:02 a.m.

हम बदलेंगे युग बदलेगा’’ सूत्र ...

स्पष्ट है कि आजीविका का एक महत्वपूर्ण जनुपात अंशदान के रूप सृजन कृत्यों के लिए नियोजित करने की आवश्य...

July 20, 2024, 9:58 a.m.

हम बदलेंगे युग बदलेगा’’ सूत्र ...

इस तथ्य से सभी अवगत है कि खर्चीली शादियाँ हमें दरिद्र और बेईमान बनाती हैं। धूमधाम, देन दहेज की शादिय...

July 20, 2024, 9:47 a.m.

युग निर्माण योजना...

युग निर्माण योजना की सबसे बड़ी संपत्ति उस परिवार के परिजनों की निष्ठा है, जिसे कूटनीति एवं व्यक्तिगत...

July 19, 2024, 10:22 a.m.
<p><a href="https://www.youtube.com/watch?v=dzNTH4SRIe8"><img alt="" src="https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/node/1413/WhatsApp Image 2024-07-26 at 22.28.54.jpeg" style="width:100%" /></a></p>

शांतिकुंज से ज्योति कलश अमेरिक...

अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रतिनिधि आद. डॉ चिन्मय पंड्या जी का अमेरिका प्रवास  अखिल विश्व गायत्री पर...

July 27, 2024, 8:17 p.m.

श्रीमती सुधा श्रीवास्तव, सिझौल...

समाज और संस्कृति के उत्थान के लिए जीवन समर्पित कर देने वाली गायत्री साधिका स्व. श्रीमती सुधा श्रीवास...

July 27, 2024, 5:34 p.m.

श्री रामानंद सिंह, घाटोटांड, र...

गायत्री प्रज्ञापीठ घाटोटांड के संस्थापक सदस्य श्री रामानंद सिंह का दिनांक 18 जून 2024 को 96 वर्ष की ...

July 27, 2024, 5:30 p.m.

दिवंगत देवात्माओं को भावभरी श्...

श्री सुखराम भारद्वाज, बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश गायत्री शक्तिपीठ बिलासपुर के संस्थापक श्री सुखराम भारद...

July 27, 2024, 5:27 p.m.

सवा लाख कन्याओं को गढ़ने का विर...

खण्डवा। मध्य प्रदेश ‘‘इक्कसवीं सदी नारी सदी होगी।’’ परम पूज्य गुरूदेव के इसी वाक्य को केन्द्र में रख...

July 27, 2024, 5:18 p.m.

नि:शुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा स...

बूंदी। राजस्थान गायत्री शक्तिपीठ बूंदी ने डॉ. दीपाली माहेश्वरी के सहयोग से लोगों के लिए नि:शुल्क आयु...

July 27, 2024, 4:53 p.m.

नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर...

सरायकेला। झारखण्ड दिनांक 13 जून को एमआईजी स्थित गायत्री मंदिर में नेत्रम नेत्रालय के सहयोग से नेत्र ...

July 27, 2024, 4:48 p.m.

बरगद के पेड़ की शाखाओं का पुन:र...

मोडासा, अरवल्ली। गुजरात गायत्री परिवार युवा समूह मोडासा अपने नगर और आसपास के गाँवों में वृक्षारोपण क...

July 27, 2024, 4:42 p.m.

प्रकृति के संग योग पौधे लगाने ...

लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश युवा प्रकोष्ठ लखीमपुर ने विश्व योग दिवस से ‘प्रकृति संग योग’ की थीम पर इस...

July 27, 2024, 4:37 p.m.

युग निर्माणी सूत्र-सिद्धांतों ...

गायत्री यज्ञ से हुआ नए भवन का लोकार्पण कठूमर, अलवर। राजस्थान कठूमर में गैलेक्सी शिक्षण संस्था द्वारा...

July 27, 2024, 4:29 p.m.
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गुरुदेव से प्रथम भेंट

15 वर्ष की आयु में— बसंत पंचमी पर्व सन् 1926 को स्वगृह— आँवलखेड़ा (आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत) में पूजास्थल में ही दादागुरु स्वामी सर्वेश्वरानन्द जी के दर्शन एवं मार्गदर्शन के साथ-ही-साथ आत्मसाक्षात्कार हुआ।

अखण्ड दीपक

सन् 1926 से निरंतर प्रज्वलित दीपक, जिसके सान्निध्य में परम पूज्य गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने 24-24 लक्ष के चौबीस गायत्री महापुरश्चरण संपन्न किए, आज भी इसके बस एक झलक भर प्राप्त कर लेने से ही लोगों को दैवीय प्रेरणा और आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है। इसके सान्निध्य में अब तक 2400 करोड़ से भी अधिक गायत्री मंत्र का जप किया जा चुका है।

अखण्ड ज्योति पत्रिका

इसका आरंभ सन् 1938 में पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा किया गया था। पत्रिका का मुख्य उद्देश्य— वैज्ञानिक आध्यात्मिकता और 21वीं शताब्दी के धर्म, अर्थात वैज्ञानिक धर्म को बढ़ावा देना है।

गायत्री मन्त्र

दृढ़ निष्ठा से सतत गायत्री साधना करने से मन (अंतःकरण) तीव्र गति और चामत्कारिक प्रकार से पवित्र, निर्मल, व्यवस्थित और स्थिर होता है, जिससे साधक अपने बाह्य भौतिक जीवन की गंभीर परीक्षाओं एवं समस्याओं से जूझते हुए भी अटल आतंरिक शांति और आनंद की अनुभूति करता है।

आचार्य जी ने सिद्धांत और साधना को आधुनिक युग के अनुकूल तर्क व शब्द देकर सामाजिक परिवर्तन का जो मार्ग दिखाया है, उसके लिए आने वाली पीढ़ियाँ युगों-युगों तक कृतज्ञ रहेंगी।

डॉ. शंकर दयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)

मुझे ज्ञात है कि इस विश्वविद्यालय ने स्वतंत्रता सेनानी और लगभग ३००० पुस्तकों के लेखक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्यजी के स्वप्न को साकार रूप दिया है। इन्हें भारत में ज्ञान क्रांति का प्रवर्तक कहना उपयुक्त होगा। आचार्यश्री का विचार था कि अज्ञानता ही निर्धनता और बीमारी आदि सभी समस्याओं की जड़ है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (पूर्व राष्ट्रपति एवं वैज्ञानिक)

आचार्य जी का एकाकी पुरुषार्थ सारे संत समाज की सम्मिलित शक्ति के स्तर का है, उनने गायत्री व यज्ञ को प्रतिबंध रहित करने निमित्त जो कुछ भी किया वह शास्त्रों के अनुसार ही था। मेरा उन्हें बारम्बार नमन है।

स्वामी जयेन्द्रतीर्थ सरस्वती (शंकराचार्य कांची कामकोटि पीठ)

श्रद्धेय आचार्य श्रीराम शर्मा जी ने जो कार्य कर दिखाया वह अद्भुत है, युग के लिए नितांत आवश्यक है। आचार्य जी के साहित्य से मैं बहुत प्रभावित हूँ। प्रज्ञा पुराण ने विशेष रूप से मुझे अपने कार्यों में बहुत बल प्रदान किया है। उनका चिंतन राष्ट्र को शक्तिशाली बनाता और मानव मात्र को सही दिशा प्रदान करता है।

श्री नानाजी देशमुख (संस्थापक ग्रामोदय विश्वविद्यालय)

आचार्य जी द्वारा भाष्य किए गए उपनिषदों का स्वाध्याय करने के बाद उन्होंने कहा कि- ‘‘काश! यह साहित्य मुझे जवानी में मिल गया होता तो मेरे जीवन की दिशाधारा कुछ और ही होती; मैं राजनीति में न जाकर आचार्य श्री के चरणों में बैठा अध्यात्म का ज्ञान ले रहा होता।’’

सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन्

विनोबा जी ने वेदों के पूज्यवर द्वारा किए गए भाष्य को ग्वालियर मेंं एक सार्वजनिक सभा में अपने सिर पर धारण करते हुए कहा- "ये ग्रन्थ किसी व्यक्ति द्वारा नहीं, शक्ति द्वारा लिखे गये हैं।"

आचार्य विनोबा भावे

सुप्रसिद्ध सन्त देवरहा बाबा एक सिद्ध पुरुष थे। उनने एक परिजन से कहा- ‘‘बेटा! उनके बारे में मैं क्या कहूँ? यह समझो कि मैं हृदय से सतत उनका स्मरण करता रहता हूँ। गायत्री उनमें पूर्णतः समा गयी है एवं वे साक्षात् सविता स्वरूप हैं।’’

देवरहा बाबा

‘‘आचार्यश्री ने गायत्री को जन-जन की बनाकर महर्षि दयानन्द के कार्यों को आगे बढ़ाया है। गायत्री और ये एकरूप हो गये हैं।’’

महात्मा आनन्द स्वामी

अपने भावभरे उद्गार पूज्यवर के सम्बन्ध में इस रूप में व्यक्त किए थे- ‘‘आचार्य जी इस युग में गायत्री के जनक हैं। उनने गायत्री को सबकी बना दिया। यदि इसे मात्र ब्राह्मणों की मानकर उन्हीं के भरोसे छोड़ दिया होता तो अब तक गायत्री महाविद्या सम्भवतः लुप्त हो गयी होती।’’

करपात्री जी महाराज