मातृशक्ति एवं अखंड दीप जन्म शताब्दी श्रद्धा संवर्धन यात्रा ने सैकड़ों गाँवों में विवाह समारोहों में दिया संदेश
252 लोगों ने नशा छोड़ा
जीरापुर , राजगढ़। मध्य प्रदेश्
पूरे मध्य प्रदेश का मंथन कर युगऋषि का संदेश करोड़ों लोगों तक पहुँचाने वाली मातृशक्ति एवं अखंड दीप जन्म शताब्दी श्रद्धा संवर्धन यात्रा जीरापुर तहसील की 87 ग्राम पंचायतों के गाँवों में पहुँची। दैवयोग से उन दिनों 75 प्रतिशत गाँवों में शादी-विवाह का माहौल था। लोगों ने शक्तिकलश का हृदय से स्वागत किया, उसे मस्तक पर उठाकर अपने विवाह समारोह की गंगाजल यात्रा की अगुवानी की। गायत्री परिवार ने हर कार्यक्रम में नशामुक्ति पर बल दिया, बड़े स्तर पर नशामुक्ति के पैम्लेट बाँटे। इसके परिणामस्वरूप 252 भाइयों ने नशा छोड़ने के संकल्प लिए। 1 मार्च को यात्रा का शुभारंभ शक्तिपीठ के संरक्षक और विधायक श्री हजारीलाल दांगी द्वारा किया गया और इसका समापन 30 अप्रैल को हुआ। शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी श्री सूरजमल भावसार के अनुसार रथ के साथ सर्वश्री देवनारायण दांगी, राधेश्याम तेजरा, पिपल्या कुल्मि, गोकुल प्रसाद सोनी, जगदीश प्रसाद चौधरी, रामकरण तेजरा, गिरिराज जी, हेमराज जी रमेश चंद्र तिवारी, परिव्राजक ब्रजमोहन शर्मा ने अपनी सेवाएँ प्रदान कीं।
Recent Post
रचनात्मक एवं संघर्षात्मक कदम उठाने होंगे
नया युग लाने के लिए धरती पर स्वर्ग का अवतरण करने के लिए-सतयुग की पुनरावृत्ति आँखों के सामने देखने के लिए-हमें कुछ अधिक महत्त्वपूर्ण, दुस्साहस भरे रचनात्मक एवं संघर्षात्मक कदम उठाने होंगे। शत-सूत्री...
हम बदलेंगे युग बदलेगा
बड़े आदमी बनने की हविस और ललक स्वभावतः हर मनुष्य में भरी पड़ी है। उसके लिये किसी को सिखाना ही पड़ता। धन, पद, इन्द्रिय सुख, प्रशंसा, स्वास्थ्य आदि कौन नहीं चाहता? वासना और तृष्णा की पूर्ति में कौन व...
परिजनों को परामर्श
अपना विशाल परिवार हमने एक ही प्रयोजन के लिये बनाया और सींचा है कि विश्व-मानव की अन्तर्वेदना हलकी करने में और रुदन, दरिद्र, जलन से बचाने के लिये कुछ योगदान सम्भव हो सके, पेट और प्रजनन की कृमि कीटकों...
जमाना तेजी से बदलेगा
हमारा पहला परामर्श यह है कि अब किसी को भी धन का लालच नहीं करना चाहिए और बेटे-पोतों को दौलत छोड़ मरने की विडम्बना में नहीं उलझना चाहिये। यह दोनों ही प्रयत्न सिद्ध होंगे। अगला जमाना जिस तेजी से बदल र...
ईश्वरीय अनुग्रह के अधिकारी
परमार्थ प्रवृत्तियों का शोषण करने वाली इस विडम्बना से हम में से हर एक को बाहर निकल आना चाहिए कि “ईश्वर एक व्यक्ति है और वह कुछ पदार्थ अथवा प्रशंसा का भूखा है, उसे रिश्वत या खुशामद का प्रलोभन ...
मोहग्रस्त नहीं विवेकवान
पहले ही कहा जा चुका है कि परिवार के प्रति हमें सच्चे अर्थों में कर्तव्यपरायण और उत्तरदायित्व निर्वाह करने वाला होना चाहिये आज मोह के तमसाच्छन्न वातावरण में जहां बड़े लोग छोटों के लिये दौलत छोड़ने क...
परिजनों को परामर्श
हमारा चौथा परामर्श यह है कि पुण्य परमार्थ की अन्तः चेतना यदि मन में जागे तो उसे सस्ती वाहवाही लूटने की मानसिक दुर्बलता से टकरा कर चूर-चूर न हो जाने दिया जाय। आमतौर से लोगों की ओछी प्रवृत्ति नामवरी ...
युग-परिवर्तन के लिए चतुर्मुखी योजना
लोभ और मोह के बंधन काटने और अज्ञान प्रलोभन से ऊंचा उठाने पर ही जीवनोद्देश्य पूरा कर सकने वाले-ईश्वरीय प्रयोजन एवं युग पुकार के पूरा कर सकने वाले मार्ग पर चल सकते हैं सो इसके लिये हमें आवश्यक साहस ज...
योजना का दूसरा चरण संगठनात्मक
योजना का दूसरा चरण संगठनात्मक है। भीड़ का संगठन बेकार है। मुर्दों का पहाड़ इकट्ठा करने से तो बदबू ही फैलेगी। जिनके मन में कसक है जो वस्तुस्थिति को समझ चुके है उन्हीं का एक महान् प्रयोजन के लिए एकत्...
‘युगसेना’ का गठन
दुष्टता की दुष्प्रवृत्तियाँ कई बार इतनी भयावह होती है कि उनका उन्मूलन करने के लिये संघर्ष के बिना काम ही नहीं चल सकता। रूढ़िवादी, प्रतिक्रिया वादी, दुराग्रही मूढ़मति अहंकारी, उद्दण्ड निहित स्वार्थ ...