आंतरिक श्रद्धा की अभिव्यक्ति के पर्व के रूप सम्पन्न हुआ गायत्री आश्रम पड़खुरी में प्राण प्रतिष्ठा समारोह
सीधी। मध्य प्रदेश
सुरम्य पहाड़ियों, हरेभरे वृक्षों एवं अरण्य से घिरे गायत्री आश्रम पडखुरी में 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ शक्तिपीठ का प्राण प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न हुआ। दिनांक 9 नवम्बर को आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने शक्तिपीठ में प्रतिष्ठित माँ गायत्री, माँ लक्ष्मी एवं माँ सरस्वती की प्रतिमाओं में प्राण प्रतिष्ठा की। इस अवसर पर समारोह में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने इस दिवस को आंतरिक श्रद्धा की अभिव्यक्ति का दिवस बताया। आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने कहा कि श्रद्धा इस दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति और पूँजी है। अपनी श्रद्धा को गुरू चरणों में लगाकर उनकी इच्छा की पूर्ति में जीवन लगाना सच्ची गुरूभक्ति है। पड़खुरी में शक्तिपीठ की प्राण प्रतिष्ठा के साथ परम पूज्य गुरू देव एवं परम वंदनीया माताजी की दिव्य चेतना का साक्षात अवतरण हुआ है, यह पावन धरा धन्य हो गई है। यह युगचेतना बघेलखण्ड के सम्पूर्ण परिक्षेत्र को गायत्रीमय कर गायत्री आश्रम पड़खुरी को युग निर्माण योजना के एक महत्त्वपूर्ण आधारभूत केन्द्र के रूप में स्थापित करेगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सीधी, रीवा, सतना, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, ग्वालियर, देवास और जयपुर से आए प्राणवान कार्यकर्त्ताओं की उपस्थिति रही। शान्तिकुञ्ज से पहुँची श्री परमानंद द्विवेदी की टोली ने इसे सम्पन्न कराया।
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