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जीवन पथ पर
धर्म का सच्चा स्वरुप
सहदयत्ता मे जीवन की सार्थकता
जो कुछ हु वासतव मे ही हु
सदव्यवहार का अचुक असत्र
चचलत्ता ओर उससे मुक्ति के उपाय
बे बे करने से मुख का ग्रास खोजता हे
अपने अन्न्तरग् सदसयो से
अपनी सुनदरता बदाईये
११ दिन का कमर्योग् सत्तसग्
यही तो वह सथान हे
आरोग्ग्यत्ता की कुजी
जीवन् सन्घर्ष
सदाचारी व्रत्त का अधिकारी हे
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Year 1944 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
धर्म का सच्चा स्वरुप
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Type: TEXT
Language: HINDI
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Version 1
Type: SCAN
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अपने अन्न्तरग् सदसयो से
अपनी सुनदरता बदाईये
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यही तो वह सथान हे
आरोग्ग्यत्ता की कुजी
जीवन् सन्घर्ष
सदाचारी व्रत्त का अधिकारी हे