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परमात्म-प्रेम से सम्पन्न जीवन ही धन्य है
भगवान आपके अंदर सोया है, उसे जगाइये
अमर हो तुम, अमरत्व को पहचानो
सेवा ही सच्ची भगवद्भक्ति है ।
गाथा इस देश की,गाई विदेशियों ने
ब्राह्मणत्व जागेगा, तो राष्ट्र जागेगा ।
मनुष्य जीवन की विभूति श्रद्धा
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत
अनासक्ति कर्मयोग का तत्त्वज्ञान
गाय के महत्त्व को न भूलें
दुख से डरे नही उसका सामना कीजिए
धर्म का स्वरूप और उपयोग
मधु संचय
असन्तुष्ट रहें न विक्षुब्ध, जिन्दगी हँस-हँसकर जियें
मन स्वस्थ तो शरीर स्वस्थ
शुभ कर्म दिखावे के लिए नहीं, अन्तःप्रेरणा से करें
समय का सदुपयोग करिये, यह अमूल्य है
बड़ों के सम्मान में भूल न करें
छोटी सी बुराई से भी सावधान रहें
आरोग्य रक्षा के तीन प्रहरी
बालकों का विकास इस तरह होगा
युग निर्माण आन्दोनल की प्रगति
समय दान सब के लिए अति सरल है
आश्विन का शिविर एवं अभ्यास-सत्र
गीत
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Year 1965 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
भगवान आपके अंदर सोया है, उसे जगाइये
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Other Version of this book
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
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भगवान आपके अंदर सोया है, उसे जगाइये
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