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तीर्थ परम्परा पावन यज्ञ
धर्म धारण के आलोक केन्द्र तीर्थ
तीर्थ स्थापना का प्रयोजन और स्वरूप
तीर्थों का निर्माण और तीर्थ यात्रा का पुण्य प्रयोजन
व्यक्ति और समाज के उत्थान में तीर्थ प्रक्रिया का योगदान
तीर्थ परम्परा के पीछे सन्निहित उद्देश्य और आदर्श
तीर्थों की सुवययस्था हर दृष्टि से श्रेयस्कर
तीर्थों का कलेवर ही नहीं, प्राण भी बना रहें
तीर्थ प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता
तीर्थ परम्परा में गायत्री शक्तिपीठों की नई श्रृंखला
गायत्री तीर्थों के घोषित स्थानों की पृष्ठभूमि
तीर्थ संचालन के लिए पाँच परिव्राजक
शक्तिपीठ का भवन और उसका स्वरूप
शक्तिपीठों का संचालन परिव्राजकों द्वारा
शक्तिपीठों के लिए प्राणवान परिव्राजक चाहिए
जाग्रत् आत्माओं का अंशदान अपेक्षित
छोटे शक्तिपीठ जो हर जगह बननें और चलने चाहिए
शक्तिपीठों के निर्माण का विकास विस्तार
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Magazine
-
Year 1979 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
शक्तिपीठों के निर्माण का विकास विस्तार
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63
65
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Other Version of this book
May 1979
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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