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आवरण बन्धनों का विस्फोट
ज्ञान शक्ति की गौरव गरिमा
आत्म-ज्ञान मानव जीवन की सर्वोपरि उपलब्धि
संयम बरतें स्वस्थ रहें
अनन्त ईश्वर की समीपता से अनन्त सार्मथ्य की प्राप्ति
तदधनं ह्मति दु:खार्थम
ईश्वरीय अनुग्रह सबके लिए सहज सुगम
गतिशील-जीवन प्रवाह
चलो-मरण त्यौहार मनाएँ
कल्पना और सत्य मात्र संयोग या तथ्य
कृतज्ञता का पाठ न भूलें
प्रकृति के विचित्र नियम अबूझ पहेलियाँ
भूत व भविष्य दोनों को वर्तमान में देखा, जाना जा सकता है
पशु-पक्षी भी संवेदना शून्य नहीं
विनाश की विभीषिकाएँ और सृजन की सम्भावनाएँ`
मृत्यु को सामने रखकर चलें
स्काई लैब तो मर गया पर प्रेत शान्ति अभी भी शेष है
स्वाध्याय करें भी करायें भी
संगीत मात्र मनोरंजन के लिए ही नहीं
धनोपार्जन की कला भी धर्मनिष्ठ बने
सतत शिक्षा का सिद्धान्त लागू किया जाय
अपनांे से अपनी बात-युग परिवर्तन, प्र्रज्ञावतार, गा०श०पी० की शृंखला
यह विष थोड़ा कम करें
समर्पित फूल (कविता) -माया वर्मा
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ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुरवरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ||
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-
Year 1979 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
अनन्त ईश्वर की समीपता से अनन्त सार्मथ्य की प्राप्ति
First
12
14
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Other Version of this book
September 1979
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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