News
Blogs
Gurukulam
English
हिंदी
×
My Notes
TOC
पगडण्डियों में न भटकें
भविष्य का अनुमान संभव भी, अनिवार्य भी
नियन्ता का दिव्य उपहार-आत्म विश्वास
सफलताएँ टिकी हैं-प्रचण्ड मनोबल पर
हृदयगुहा में होते हैं-परमात्मा के दशर्न
रहस्यमयी अन्तःस्फुरणा
आभामण्डल की प्रभाव-क्षमता अब संदेह से परे
इक्कीसवीं सदी बनाम उज्ज्वल भविष्य
क्या ईश्वरीय सत्ता सवर्व्यापी नहीं है?
समझ से परे अनसुलझी गुत्थियाँ
यह जीवन प्रभुमय बन जाय
संकल्पशक्ति कुंजी है— प्रगति-पुरुषार्थ की
विराट् सत्ता की दशर्न झाँकी
लय, ताल से बँधी जीवन की यह यात्रा
कैसे आयेगा सतयुग?
विचित्र— विलक्षण यह सृष्टि
सत्य हमारे आचरण में उतरे
मानवी परुषार्थ को चुनौती देता प्रकृति का लीला-जगत
जिन खोजा तिन पाइयाँ
अपूणर्ता से अपूणर्ता की ओर
इच्छा शक्ति के सुनियोजन से असम्भव भी सम्भव
समष्टिगत हलचलें एवं मानवी पराक्रम
परस्पर जुडे़ हुए हैं, अन्तःकरण एवं पयार्वरण
कौन है इस अनुशासित सृष्टि का नियन्ता?
चेतना के महासागर में तैरती मानवी काया
जीवन साधना के कुछ सुनिश्चित सूत्र
बहिरंग नहीं, अंतरंग प्रधान
सहयोग-सहकार पर निभर्र जीवन व्यापार
है स्वर्ग यही, अपवर्ग यही
वनौषधियों की सूक्ष्मीकृत उपचार प्रक्रिया
जिस मरने से जग डरे, मेरे मन आनन्द
अध्यात्म का ककहरा है-अनुशासन
विभूति का दुरुपयोग न हो
अमृत रसास्वादन हेतु एक उच्चस्तरीय योगाभ्यास
प्रतिभा का निखरः व्यवस्था बुद्धि का विकास
गीता का दिव्य सदेश
रंगों में निहित रोग निवारक-शक्ति
सूक्ष्म जगत्, प्रकृति और पुरुष के रूप में
कण-कण में बसी है-चेतना
इक्कीसवीं सदी की समझदारी को चुनौती
चैतन्यता की गंगोत्री-गायत्री
रंगों में छिपे हैं बडे-बडे गुण
सरल आसनों द्वारा अंगों को सक्रिय कैसे बनाएँ?
आधुनिकता के अभिशाप-तनावजन्य विकार
जीवन एक सतत् अविराम प्रवाह
प्राणशक्ति के संवर्द्धन हेतु प्रयोग-उपचार!
भक्ति-भावना इस प्रकार चरितार्थ करें
ध्यान-साधना का वैज्ञानिक आधार
श्रेष्ठतम सेवा-पतन निवारण
अभक्ष्य भोजन के दुष्परिणाम
अन्ततः सत्य ही जीतता है
नई डगर, नया सफर, नौनिहाल अग्रसर! अग्रसर!!
जड़ें गहरी और मजबूत हों
एक ही सत्य एक ही लक्ष्य
व्यक्तित्व के विकास हेतु संस्कार आयोजन
अपनों से अपनी बात- सत्रो में सम्मिलित होने का सुयोग चूकें नहीं
बदलेगा निश्चित समाज— यह संकल्प पुनः दुहराते हैं
My Note
Books
SPIRITUALITY
Meditation
EMOTIONS
AMRITVANI
PERSONAL TRANSFORMATION
SOCIAL IMPROVEMENT
SELF HELP
INDIAN CULTURE
SCIENCE AND SPIRITUALITY
GAYATRI
LIFE MANAGEMENT
PERSONALITY REFINEMENT
UPASANA SADHANA
CONSTRUCTING ERA
STRESS MANAGEMENT
HEALTH AND FITNESS
FAMILY RELATIONSHIPS
TEEN AND STUDENTS
ART OF LIVING
INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
THOUGHT REVOLUTION
TRANSFORMING ERA
PEACE AND HAPPINESS
INNER POTENTIALS
STUDENT LIFE
SCIENTIFIC SPIRITUALITY
HUMAN DIGNITY
WILL POWER MIND POWER
SCIENCE AND RELIGION
WOMEN EMPOWERMENT
Akhandjyoti
Login
Search
Magazine
-
Year 1989 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
संकल्पशक्ति कुंजी है— प्रगति-पुरुषार्थ की
First
14
16
Last
First
14
16
Last
Other Version of this book
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
Releted Books
Articles of Books
पगडण्डियों में न भटकें
भविष्य का अनुमान संभव भी, अनिवार्य भी
नियन्ता का दिव्य उपहार-आत्म विश्वास
सफलताएँ टिकी हैं-प्रचण्ड मनोबल पर
हृदयगुहा में होते हैं-परमात्मा के दशर्न
रहस्यमयी अन्तःस्फुरणा
आभामण्डल की प्रभाव-क्षमता अब संदेह से परे
इक्कीसवीं सदी बनाम उज्ज्वल भविष्य
क्या ईश्वरीय सत्ता सवर्व्यापी नहीं है?
समझ से परे अनसुलझी गुत्थियाँ
यह जीवन प्रभुमय बन जाय
संकल्पशक्ति कुंजी है— प्रगति-पुरुषार्थ की
विराट् सत्ता की दशर्न झाँकी
लय, ताल से बँधी जीवन की यह यात्रा
कैसे आयेगा सतयुग?
विचित्र— विलक्षण यह सृष्टि
सत्य हमारे आचरण में उतरे
मानवी परुषार्थ को चुनौती देता प्रकृति का लीला-जगत
जिन खोजा तिन पाइयाँ
अपूणर्ता से अपूणर्ता की ओर
इच्छा शक्ति के सुनियोजन से असम्भव भी सम्भव
समष्टिगत हलचलें एवं मानवी पराक्रम
परस्पर जुडे़ हुए हैं, अन्तःकरण एवं पयार्वरण
कौन है इस अनुशासित सृष्टि का नियन्ता?
चेतना के महासागर में तैरती मानवी काया
जीवन साधना के कुछ सुनिश्चित सूत्र
बहिरंग नहीं, अंतरंग प्रधान
सहयोग-सहकार पर निभर्र जीवन व्यापार
है स्वर्ग यही, अपवर्ग यही
वनौषधियों की सूक्ष्मीकृत उपचार प्रक्रिया
जिस मरने से जग डरे, मेरे मन आनन्द
अध्यात्म का ककहरा है-अनुशासन
विभूति का दुरुपयोग न हो
अमृत रसास्वादन हेतु एक उच्चस्तरीय योगाभ्यास
प्रतिभा का निखरः व्यवस्था बुद्धि का विकास
गीता का दिव्य सदेश
रंगों में निहित रोग निवारक-शक्ति
सूक्ष्म जगत्, प्रकृति और पुरुष के रूप में
कण-कण में बसी है-चेतना
इक्कीसवीं सदी की समझदारी को चुनौती
चैतन्यता की गंगोत्री-गायत्री
रंगों में छिपे हैं बडे-बडे गुण
सरल आसनों द्वारा अंगों को सक्रिय कैसे बनाएँ?
आधुनिकता के अभिशाप-तनावजन्य विकार
जीवन एक सतत् अविराम प्रवाह
प्राणशक्ति के संवर्द्धन हेतु प्रयोग-उपचार!
भक्ति-भावना इस प्रकार चरितार्थ करें
ध्यान-साधना का वैज्ञानिक आधार
श्रेष्ठतम सेवा-पतन निवारण
अभक्ष्य भोजन के दुष्परिणाम
अन्ततः सत्य ही जीतता है
नई डगर, नया सफर, नौनिहाल अग्रसर! अग्रसर!!
जड़ें गहरी और मजबूत हों
एक ही सत्य एक ही लक्ष्य
व्यक्तित्व के विकास हेतु संस्कार आयोजन
अपनों से अपनी बात- सत्रो में सम्मिलित होने का सुयोग चूकें नहीं
बदलेगा निश्चित समाज— यह संकल्प पुनः दुहराते हैं