Magazine - Year 1989 - Version 2
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Language: HINDI
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बदलेगा निश्चित समाज— यह संकल्प पुनः दुहराते हैं
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आस्था संकट की विभीषिका से जूझ रहे समुदाय को जब कही प्रकाश-स्तंभ दृष्टिगोचर होता है, तो उन्हें हिम्मत बँधने लगती है कि समय की धारा के विपरीत चलने वाला आदर्शवादी जनमानस अभी भी जिंदा है। पूरे भारत में संपन्न हो रहे प्रज्ञा आयोजन नवगठित प्रज्ञा मंडलों की गतिविधियाँ शतवेदीय से लेकर चौबीस हजार वेदीय दीपयज्ञों के भव्य आयोजन इसकी प्रत्यक्ष गवाही देते हैं।
संवेदन जागा जन-जन में,
अब न अकेली रही व्यथाएँ।
नवयुग का इतिहास गढ़ रहा,
बलिदान की नई कथाएँ।
जे.के.कालोनी, कानपुर— सहस्रवेदीय दीपयज्ञ भावपरक वातावरण में संपन्न हुआ। लगभग पंद्रह सौ स्त्री-पुरुष इस विशाल आयोजन में सम्मिलित हुए। स्टेशन कमांडर एयरफोर्स एयरकमोडोर आर. रामामूर्ति मुख्य यजमान के रूप में उपस्थित थे। जिलाधिकारी कानपुर, ज्येष्ठ पुलिस अधीक्षक कानपुर, मैनेजिंग डायरेक्टर निर्यात निगम तथा जे.के. ग्रुप के अधिकारियों ने भी आयोजन में भाग लिया। महिलाओं के एवं पुरुषों के पंद्रह-पंद्रह मंडल तैयार हुए हैं, जिनने 12 वर्ष तक सतत सत्संग-स्वाध्याय का क्रम चलाते रहने का संकल्प लिया है।
हटा (दमोह) म.प्र.—चौबीस हजार दीपों का गायत्री में महायज्ञ नवंबर माह के तृतीय सप्ताह में भव्य-गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। लगभग पाँच हजार परिजनों की मंगल कलशयात्रा ही एक किलोमीटर लंबी थी, जिसका जगह-जगह विभिन्न धर्मावलंबियों के समूह द्वारा स्वागत किया गया। संध्या को विशाल आयोजन में हरिद्वार से आए परिजनों द्वारा युगसंधि महापुरश्चरण की समय के अनुरूप आवश्यकता— सत्प्रवृत्ति-संवर्द्धन एवं दुष्प्रवृत्ति-उन्मूलन की महत्ता को प्रतिपादित किया गया। महिला विचारगोष्ठी का भी आयोजन इस अवसर पर जारी जागरण कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ। विद्युत व्यवस्था बीच-बीच में गड़बड़ाने के बावजूद जल रहे चौबीस हजार दीपों ने कोई व्यवधान न आने दिया व संकेत दिया कि अगणित दीपों का आदर्शवादी दुस्साहस ही प्रतिकूलताओं से अगले दिनों जूझेगा।
बागपत, मेरठ (उ.प्र.)— शुगर मिल बागपत में शतवेदीय दीपयज्ञ आयोजन संपन्न हुआ। जनरल मैनेजर सहित अधिकाधिक संख्या में अधिकारी उपस्थित रहे। दीपयज्ञ का प्रबुद्ध समुदाय पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा। शान्तिकुञ्ज में चल रहे सत्रों में सम्मिलित होने हेतु अधिकांश ने आवेदनपत्र भरे।
फतेहगढ़, फर्रुखाबाद (उ.प्र.)— दीपयज्ञायोजन सानंद संपन्न हुआ। युगसंधि महापुरश्चरण में सम्मिलित होने के लिए उपस्थित जनसमुदाय ने संकल्पपत्र भरे। 18 प्रज्ञामंडलों का गठन किया गया तथा 190 अखण्ड ज्योति पत्रिका के नए सदस्य बनाने का संकल्प लिया गया।
करनलगंज, इलाहाबाद (उ.प्र.)— महिला शाखा के प्रयास से शतवेदीय दीपयज्ञ संपन्न हुआ। लगभग 250 महिलाओं की उपस्थिति में 20 प्रज्ञामंडलों की स्थापना की गई। 20 नए अखण्ड ज्योति के सदस्य बनाए गए।
पेपरमिल कालोनी, लखनऊ (उ.प्र.)— दीपयज्ञ आयोजन सोल्लास संपन्न हुआ। इस अवसर पर लखनऊ नगर में 24 दीपयज्ञ संपन्न कराने, हर घर, दुकान, वाहन में स्टीकर चिपकाने, अखण्ड ज्योति पत्रिका की संख्या दुगुनी करने तथा 108 भावनाशीलों को शान्तिकुञ्ज सत्रों में भेजने का संकल्प लिया गया।
तारपुर, (खेड़ा)— गायत्री परिवार शाखा के कर्मठ सदस्यों द्वारा समीपवर्त्ती क्षेत्र में मेलों के समय साहित्य स्टाल लगाकर हर शिक्षित तक प्रज्ञा साहित्य पहुँचाने का सफल प्रयास किया जा रहा है। अब तक लगभग 25 हजार रुपये तक का साहित्य जन-जन तक पहुँचाया गया। इसके साथ ही युगशक्ति गायत्री के नए सदस्य बनाने में भी अभूतपूर्व सफलता मिल रही है।
सूदना, पलामू (बिहार)— साप्ताहिक दीपयज्ञों की शृंखला आशाजनक सत्परिणाम हस्तगत करा रही हैं, प्रति रविवार को नए स्थान पर दीपयज्ञ रखा जाता है। प्रातः घर-घर पीले अक्षत पहुँचाने, स्टीकर लगाने, सद्वाक्य लिखने का क्रम अपनाया गया है। दोपहर में दीपयज्ञ के माध्यम से परमपूज्य गुरुदेव के विचार पहुँचाए जाते, अखंड ज्योति के नए सदस्य बनाए जाते तथा प्रज्ञामंडलों की स्थापनाएँ की जाती हैं। इन प्रयासों से अधिकांश नए परिजन उभरकर आगे आ रहे हैं।
चायल, इलाहाबाद (उ.प्र.)— स्थानीय दीपयज्ञों की शृंखला के अंतर्गत 12 स्थानों पर दीपयज्ञ संपन्न हुए। दीपयज्ञ के माध्यम से प्रत्येक मुहल्ले में स्टीकर लगाने, सद्वाक्य लिखने तथा अखण्ड ज्योति के नए सदस्य बनाने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया।
अलताहार, पूर्णिया (बिहार)— रचनात्मक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के साथ इस वर्ष प्रज्ञामंडलों की स्थापना करने, अखण्ड ज्योति पत्रिका की सदस्य संख्या दुगुनी करने तथा शान्तिकुञ्ज में चल रहे सत्रों में भावनाशीलों को भेजने का कार्य व्यापक स्तर पर सामूहिक प्रयासों से, दीपयज्ञों के माध्यम से किया जा रहा है।
शाहजहाँपुर (उ.प्र.)— सहस्रवेदीय दीपयज्ञायोजन अभूतपूर्व सफलता के साथ संपन्न हुआ आयोजन के समय ही 65 प्रज्ञामंडलों की स्थापना की गई। ज्ञानरथ नियमित रूप से चलाने, स्टीकर आंदोलन को गति देने तथा भावनाशीलों को शान्तिकुञ्ज सत्रों में भेजने के लिए संकल्प लिए गए।
तिलौरा, गोरखपुर (उ.प्र.)— दीपयज्ञायोजन भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। स्थानीय कार्यकर्त्ताओं द्वारा 8 प्रज्ञामण्डलों की स्थापना तथा युगसंधि महापुरश्चरण में भागीदारी संकल्प लिया गया।
सहजनवाँ, गोरखपुर (उ.प्र.)— दीपयज्ञायोजन की मंगल-कलशयात्रा का उद्घाटन जिला विद्यालय निरीक्षक श्री रतूड़ी द्वारा कराया गया। दीपयज्ञ का शुभारंभ जनपद में जिलाधीश ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। कार्यक्रम रचनात्मक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के संकल्प के साथ समाप्त हुआ।
टांडा (उ.प्र.)— दीपयज्ञायोजन प्रेरणादायी वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विद्वमंडली आई तो थी शास्त्रार्थ करने, पर दीपयज्ञ की प्रेरणा से प्रभावित होकर शान्तिकुञ्ज तक पहुँचने के लिए तैयार हो गई। इसे समूचे क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। स्थानीय कार्यकर्त्ताओं ने अधिकाधिक अखण्ड ज्योति के सदस्य बनाने तथा प्रज्ञामंडलों की स्थापना करने का संकल्प लिया।
नदवई, भरतपुर (राज)— दीपयज्ञ आयोजन संपन्न हुआ। विशाल जनसमूह की उपस्थिति में दीपयज्ञ की भाव भरी प्रेरणा जन-जन के मन में भरी गई। परीणामस्वरूप लगभग पचपन प्रज्ञामंडलों का गठनकर रचनात्मक कार्यक्रम पूरा करने के संकल्प लिए गए।
डिहिया, जौनपुर (उ.प्र.)— भव्य कलशयात्रा की छाप पूरे गाँव में पड़ी। बाल, वृद्ध नर-नारी सभी के अंदर कार्यक्रम के प्रति अभूतपूर्व उत्साह था। प्रज्ञामंडलों के गठन के साथ-साथ प्रति रविवार को साप्ताहिक सत्संग चलाने, अखण्ड ज्योति की सदस्य संख्या बढ़ाने का संकल्प लिया गया।
खोलीपुर, सुलतानपुर (उ.प्र.)— अध्यापकों विद्यार्थियों तथा अभिभावकों की उपस्थिति में कार्यक्रम सोल्लास संपन्न हुआ। प्रति मंगलवार को विद्यालय में सामूहिक रूप से युगसंधि पुरश्चरण साधना करने की व्यवस्था बनाई गई। संपर्क-क्षेत्र में अधिकाधिक पत्रिकाओं को हर शिक्षित तक पहुँचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मौदहा, हमीरपुर (उ.प्र.)— 24 प्रज्ञामंडलों की स्थापना के साथ दीपयज्ञ आशातीत सफलताओं के साथ संपन्न हुआ। संपर्क-क्षेत्र में हर शिक्षित तक अखण्ड ज्योति पहुँचाने की व्यापक व्यवस्था बनाई जा रही है।
इंगोहरा, हमीरपुर (उ.प्र.)— विद्यालय प्रांगण में आयोजित सहस्रवेदीय दीपयज्ञ कार्यक्रम अभूतपूर्व सफलताओं के साथ संपन्न हुआ। शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का सहयोग सराहनीय रहा। जल कलशयात्रा के साथ दीवाली लोकनृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। पूरा गाँव यह अभूतपूर्व जुलूस देखने के लिए उमड़ पड़ा। 50 प्रज्ञामंडलों का गठन किया गया।
मझगवां (म.प्र.)— दुष्प्रवृत्ति-उन्मूलन एवं सत्प्रवृत्ति-संवर्द्धन के संकल्प के साथ दीपयज्ञ आयोजन सानंद संपन्न हुआ। 11 प्रज्ञामंडलों का गठन हुआ। शान्तिकुञ्ज में चल रहे सत्रों में सम्मिलित होने के लिए कई भावनाशील परिजनों ने आवेदनपत्र भरे।
*समाप्त*