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धर्म न तो अवैज्ञानिक है न ही अनुपयोगी
आत्मा का आनन्द ही श्रेष्ठक्यों?
आदर्शवाद ही उत्कर्ष का एकमेव राजमार्ग
ताकि परमात्मा झरे मानव से
अर्द्धनारी-नटेश्वर बनाम उभयलिंगी व्यक्तित्व
प्रकृत से मानव सीखे तकनीकि ज्ञान
आध्यात्मिक कैसे बना जा सकता है?
आवेश का ज्वार भी एक प्रकार का बुखार
यज्ञोपचार के मूल में छिपा ज्ञान-विज्ञान
न शरीर से पराधीन बनें, न मन से
कैसे हो मानव में देवत्व का उदय?
चले चदरिया ओढ़ वसंती- कण-कण में है रंग वसंती
तंत्र की बलि, विधि सम्मत है क्या?
महत्त्वाकांक्षाः एक मनुष्कृत विपत्ति
चित्त-वृत्तियाँ सधे तो क्षमताएँ जगें
सुसंचालन, सुव्यवस्था, सूझबूझ और सुनियोजन
दो तपस्वियों के चातुर्मास
परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- (सूक्ष्मीकरण की वेला में जनवरी १९८६ में प्रसारित पूज्यवर का वीडियो संदेश)
ग्रीष्म ऋतु के विशेष संस्कार सत्र
साहित्य रूपी संजीवनी जन-जन तक पहुँचे
धारावाहिक विशेष लेखमाला-११, युग पुरुष गुरुदेव पं( श्रीराम शर्मा आचार्य- सिरजनहार जिसने बनाया मणि-मुक्तकों से सजा एक गायत्री परिवार
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-
Year 1994 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
दो तपस्वियों के चातुर्मास
First
35
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Other Version of this book
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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