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उदार जीवन की गरिमा
प्रशंसा योग्य मात्र भगवान्
महाकाल के कालदण्ड के रूप में उदित ये अन्तरिक्षीय हलचलें
माटी खुदी करे दी यार
आत्मतत्त्व को वैज्ञानिक भी अब स्वीकारने लगे हैं
परकाया प्रवेश एक कपोल कल्पना नहीं, सत्य
अन्यान्य ग्रहों के हमारे परिजन हमसे मिलने को बेताब हैं
डाकू ने देखी मूरली-मनोहर की झाँकी
गायत्री उपासना को सफल बनाने वाली पाँच तप-साधनाएँ
अन्तजर्गत के झरोखों को खोलता है ध्यान
हँसना-हँसाना सीखें, ताकि नीरोग रह सकें
पयार्वरण से खिलवाड़ करेंगे तो दण्ड भुगतना ही होगा
बुद्धि संवेदना की अनन्तता में प्रतिष्ठित हुई
आत्मिक प्रगति हेतु ब्रह्मवचर्स की पंचाग्नि साधना
युग-संधि महापुरश्चरण और वातावरण का संशोधन
नात्मानमवसादयेत्
सफल दाम्पत्य जीवन के कुछ व्यावहारिक सत्य
अतिथि, कृपया इन मयार्दाओं को समझें
विधि का विधान अटल है रे भाई
परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी
कलंक और आक्रमण से निष्कलंक की सुरक्षा
स्वामी विवेकानन्द के सपनों का भारत
जिज्ञासाएँ आपकी-समाधान हमारे
अपनों से अपनी बात-गायत्री जयंती महापर्व से सप्तसूत्री आन्दोलन का शुभारम्भ
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ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुरवरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ||
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Magazine
-
Year 1997 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
युग-संधि महापुरश्चरण और वातावरण का संशोधन
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33
35
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Other Version of this book
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
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