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प्रेम ही प्रार्थना
जीवात्मा की क्त्रमिक विकास - यात्रा
होने जा रहा है अखण्ड भारत का पुनर्जन्म
अज्ञान ही है दुःखों का कारण
अब फिर बज उठे रणभेरी
गायत्री की दो भुजाएँ, योग और तप
आचार्य एवं शिष्य के गहन अंतर्संबंध
कंप्यूटर का वरदान बन रहा है अभिषाप
तालमेल बिठाकर जीवन जीना सीखें
गायत्री - साधना की सफलता के प्रमुख लक्षण
क्या कोई हमें बुला रहा है सुदूर अंतरिक्ष से
आध्यात्मिक जीवन जीएँ, मनोरोगों से दूर रहें
बुद्धि नहीं, सद्बुद्धि की शरण में आएँ
आइए ! अपसंस्कृति की माया को चुनौती दें, विरुविस्तार करें
यज्ञोपचार द्वारा रतिज रोगो की सरल चिकित्सा
शिष्य सञ्जीवनी - 5, गुरु चेतना में विलय ही शिष्य का लक्ष्य हो
अंतर्जगत की यात्रा का ज्ञान - विज्ञान जन्म - जन्मांतर तक चलने वाली भावदशा
गुरु गीता - 17, साधन सिद्धि गुरु वर पद नेहू
परमपूज्य गुरु देव की अमृतवाणी, समस्त सिद्धियों का आधार तप - 2
गीता जयंती विशेष- श्री गीतापाठ की चमत्कारिक महिमा
युगगीता - ५६ उद्धरेदात्मनाऽत्मानं नात्मानमवसादयेत्
चेतना की शिखर यात्रा - 22, हिमालय से आमंत्रण - 3
गुरु कथामृत - ५७ गुरु बिन कौन लगाए पार
अपनों से अपनी बात- नवसृजन के निमित्त महाकाल तैयार हैं, हमारी अपनी तैयारी कितनी है जरा विचारें
नई राहें (कविता) -शोभाराम शशांक
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ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुरवरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ||
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Year 2003 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
गीता जयंती विशेष- श्री गीतापाठ की चमत्कारिक महिमा
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Other Version of this book
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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