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ओंकार अनुभव
व्यक्तित्व को सँवारने के कछ मन्त्र
ज्ञानमूलक समाज का आधार बने महामन्त्र गायत्री
उभर रहा है मनश्चिकित्सा का एक नया तन्त्र
समस्त सिद्धियों का मूल ओम्
एक ही स्वर निकले 'समत्वं योग उच्यते'
जहाँ सत्य है, निश्छलता है, वहीं विजय है
श्रद्ध है भावना की परिष्कृति का परमबोध
ज्ञान-विज्ञान में हमने सारे विश्व का नेतृत्व किया है
महिलाओं के लिए भी हैं विशेष गायत्री साधनाएँ
रहस्सों की पिटारी पीनियल ग्रन्थि हमारी
न चेते तो हेगा पानी के लिए विश्वयुद्ध
सार्थक हुई महर्षि गौतम की गायत्री उपासना
आर्युवेद-१५ : या द्वारा कैंसर की चिकित्सा (उत्तरार्द्ध)
शिष्य संजीवनी-१० : साधना समर में साक्षी बनें
ईश्वर मुखौटों में नहीं बँधा
गुरुगीता-२२ : मद्गुरु श्री जगद्गुरुः
यदि हो जाए ईश्वर के साथ साझेदारी-४
विशेष कष्टों हेतु गायत्री साधना के कुछ विशिष्ट विधान
यहाँ से न कोई निराश गया है, न जाएगा
युगगीता-५५ : सबसे बड़ा अनुदान परमानन्द की पराकाष्ठा वाली दिव्य शान्ति
चेतना की शिखर यात्रा-२७ : दीक्षाभूमि की यात्रा-४
गुरुकथामृत-५५ : एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी परमपूज्य गुरुदेव-१
देससंस्कृति विश्वविद्यालय : विभिन्न विधाओं के साथ शुभारम्भ हो रहा है नए सत्र का
अपनों से अपनी बात : क्षेत्रीय कार्यशालाओं एवं आयोजनों के प्रयाज हेतु कुछ महत्त्वपूर्ण बिन्दु
प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा कविता
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SPIRITUALITY
Meditation
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INDIAN CULTURE
SCIENCE AND SPIRITUALITY
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LIFE MANAGEMENT
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-
Year 2004 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा कविता
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Version 1
Type: SCAN
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