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आदश्र् की राह
लक्ष्यपूर्ति हेतु स्वप्नदर्शी बनें
आध्यात्मक समाजवाद एवं पूरब की मनीषा ही युग को बदलेंगे
बहिरंग नहीं, प्रभु के अन्तरंग सौन्दर्य को जाना
अनन्त वत्सला वेदमाता गायत्री
तीर्थों का मर्म एवं यात्राओं के उद्देश्य
घोर अज्ञान का द्योतक नर-नारी का भेद
गायत्री द्वारा सम्पूर्ण दुःखों का निवारण
लम्बी उमर के अविज्ञात रहस्य
टूटते-बिखरते परिवारों में नूतन प्राण आएँ
गायत्री उपासना का भावनात्मक एवं वैज्ञानिक महत्त्व
मन्त्रशक्ति की महिमा न्यारी
गायत्री अनुष्ठान का सर्वसुलभ विधान
निराशा के तमस को आश्शा के छोटे दीपों से मिटाएँ (दीपावली विशेष)
आर्युवेद-१९ ः आर्युवेद द्वारा मोटापे की सरल चिकित्सा (पूर्वार्द्ध)
ओंकार जप की विधि एवं विज्ञान
शिष्य संजीवनी-१४ ः अन्तरात्मा का सम्मान करना सीखें
गुरुगीता-२६ ः गुरु ही इष्ट, इष्ट ही गुरु है
धर्मतन्त्र का परिष्कार अत्यन्त अनिवार्य-अमृतवाणी पूर्वार्द्ध
युगगीता-५९ ः परमात्मारूपी लाभ को प्राप्त व्यक्ति दुःख में विचलित नहीं होता
स्वातन्त्र्य यज्ञ में आहुति-४
गायत्री तीर्थ शान्तिकुञ्ज में चलने वाले महत्त्वपूर्ण सत्र
गुरुकथामृत-५९ ः गुरुसत्ता का एक ही सन्देश उज्ज्वल भविष्य एक भवितव्यता
अपनों से अपनी बात ः महान अभियान की विराट यात्रा ः हमारा सौभाग्य तथा दायित्व
उजास पर्व पर करें बोध कविता
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SPIRITUALITY
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INDIAN CULTURE
SCIENCE AND SPIRITUALITY
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CONSTRUCTING ERA
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Year 2004 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
तीर्थों का मर्म एवं यात्राओं के उद्देश्य
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Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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