विल्नियस में दीपयज्ञ : उकेरी सद्बुद्धि के दीप जलाने की प्रेरणाएँ
बाल्टिक देश लात्विया, लिथुआनिया और एस्टोनिया देवों की संस्कृति की पुनीत परंपराओं का अनुपालन सदियों से करते आ रहे हैं। आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी के प्रयासों से उनकी इन आस्थाओं को भरपूर पोषण मिल रहा है। उन्हीं की प्रेरणा से देव संस्कृति विश्वविद्यालय में एशिया महाद्वीप के प्रथम बाल्टिक संस्कृति एवं अध्ययन केंद्र की स्थापना हुई, जिसके कारण भारत के साथ इन देशों के संबंधों में घनिष्ठता बढ़ रही है। डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने प्रस्तुत यूरोप प्रवास में लिथुआनिया की राजधानी विल्नियस में 8 अक्टूबर को नवरात्र पर्व के उपलक्ष्य में विशेष दीपयज्ञ सम्पन्न कराया। उन्होंने कहा कि आज संसार में सही मायनों में विवेक और सद्बुद्धि के दीप जलाने की आवश्यकता है। इंसान अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य और अपनी सामर्थ्य को जान ले, तो यह धरती स्वत: ही स्वर्ग बन जाएगी। इस दीपयज्ञ में भारतीय संस्कृति के प्रति आस्थावान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। विल्नियस में एक अन्य समूह के बीच भी ऐसा ही दीपयज्ञ दिनांक 13 अक्टूबर 2024 को सम्पन्न कराया गया।