आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी का वलसाड़ प्रवास: ‘मनःस्थिति बदले तो परिस्थिति बदले’ विषय पर विचार-विमर्श
|| 23 जनवरी 2025, वलसाड़- गुजरात ||
वलसाड़ प्रवास के अगले चरण में, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने दोलत-उषा इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड साइंसेज और धीरू-सारला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स के प्रिंसिपल डॉ. स्नेहलभाई के. जोशी से आत्मीय भेंट की। इस अवसर पर संस्थान के विद्यार्थियों और वलसाड़ के प्रबुद्ध वर्ग के समक्ष “मनःस्थिति बदले तो परिस्थिति बदले” विषय पर विचार-विमर्श हुआ।
डॉ. पंड्या जी ने परम पूज्य गुरुदेव के विचारों को साझा करते हुए यह संदेश दिया कि जीवन की सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान अपने मन पर विजय प्राप्त करके ही संभव है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि यदि वे अपनी मनःस्थिति को सकारात्मक दिशा में बदलते हैं, तो वे अपने जीवन की हर परिस्थिति को अनुकूल बना सकते हैं।