मंदबुद्धि से प्रख्यात बुद्धिमान
मस्तिष्क की स्मरण शक्ति और बुद्धि प्रखरता बढ़ाने में इंग्लैंड के डब्ल्यू.जे.एम. बाटन की कोई सानी नहीं रखता। इंग्लैंड के केंट कस्बे में जन्मा बाटन आरंभ में इतना मंदबुद्धि था कि उसे पढ़ी हुई कोई बात याद नहीं रहती। कमजोर भी काफी था और कमजोरी, बीमारी के कारण उसे 11 वर्ष की आयु में ही स्कूल छोड़ देना पड़ा। अब वह इधर-उधर की बातें याद कर लेता और उनका स्थान, समय, घटना क्रम आदि का ठीक-ठीक विवरण बताकर लोगों पर अपनी स्मरण शक्ति का रौबद्धि के विकास की क्या कल्पना या आशा की जा सकती थी। लेकिन इस स्थिति में भी बाटन ने अपने पिता की प्रेरणा से मनोरंजन का एक शौक बढ़ाया जमाता।
धीरे-धीरे उसने अपनी स्मरण शक्ति को इतना अधिक विकसित कर लिया कि वह चलता फिरता विश्वकोश समझा जाने लगा। यह अभ्यास उसने इस लक्ष्य के प्रति गाँठ-बाँधकर किया कि उसे अपनी याददास्त को बढ़ाना है। पूरी तत्परता के साथ इस दिशा में लगे रहने के बाद उसने अपनी याददास्त को इतना तेज कर लिया कि उसकी ख्याति चारों दिशाओं में फैलने लगी।
एक बार उससे यूरोप के प्रमुख ज्योतिषियों, राजनीतिज्ञों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने ऐसी घटनाओं के विवरण पूछे जो विस्मृति के गर्त में गुम गए ही प्रतीत होते थे, पर उसने पूछी गई सारी घटनाओं को सिलसिलेवार सन्, तारीख सहित इस प्रकार बताया कि पूछने वालों को आश्चर्य चकित रह जाना पड़ा। बाटन अपने समय में इतना प्रसिद्ध हो गया था कि उसकी मृत्यु के बाद अमेरिका के एक स्वास्थ्य संस्थान ने उसका सिर 10 हजार डालर में खरीदा ताकि उसकी मस्तिष्कीय विलक्षणताओं का रहस्य मालूम किया जा सके।
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
बड़े आदमी नहीं महामानव बनें, पृष्ठ 20
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