देश के कर्णधारों को जीने की राह दिखाने एवं युगधर्म बताने का प्रशंसनीय प्रयास
देश-दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने में युवाओं की भूमिका अहम है। -डॉ. चिन्मय जी
* डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दिया, दिल्ली की गतिविधियों का परिचय कराते हुए सभी से उनसे जुड़कर अपने व्यक्तित्व को निखारते हुए बेहतर सफलता की पात्रता विकसित करने का आह्वान किया गया।
* युवा अभ्युदय 2024 एक ‘प्लास्टिक मुक्त कार्यक्रम’ था। आयोजकों ने यह स्वस्थ परम्परा आगे भी बनाए रखने का
संकल्प लिया।
* विचार क्रांति अभियान में उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
दिनांक 3 मार्च 2024 को दौलत राम ऑडिटोरियम (डीयू-नॉर्थ कैंपस), नई दिल्ली में ‘दिया’ दिल्ली का वार्षिक युवा कार्यक्रम ‘युवा अभ्युदय 2024’ सम्पन्न हुआ। यह नई
पीढ़ी के युवाओं में ‘विचार क्रांति’ के बीज बोने का प्रशंसनीय प्रयास था। यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 2500 से अधिक छात्रों, युवाओं और कामकाजी पेशेवरों ने इसमें भाग लिया। अधिकांश युवा इस प्रकार का प्रगतिशील चिंतन और जीवन जीने की प्रेरणा देने वाले ऐसे कार्यक्रम में पहली बार शामिल हुए थे।
आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी, प्रति कुलपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय इस सम्मेलन के मुख्य वक्ता थे। उन्होंने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आने वाले समय में सकारात्मक बदलाव लाने में युवाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने हर युवा को उसकी वास्तविक सामर्थ्य का अनुभव कराते हुए सभी के दिलों को छू लिया।
श्री गोविंद जायसवाल, आईएएस (संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय) ने अपना उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बड़े सपने देखने और लक्ष्य प्राप्ति के लिए विपरीत परिस्थितियों
के बावजूद लगातार कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उल्लेखनीय है कि वे एक रिक्शा चालक के बेटे के रूप में जाने जाते हैं, जो अपनी कड़ी मेहनत से आई.ए.एस. बनने में सफल हुए हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ओ.पी. चौधरी (वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ सरकार और पूर्व आईएएस अधिकारी) ने भी एक साधारण व्यक्ति से आईएएस और राजनेता बनने का संघर्षपूर्ण जीवन वृत्तांत सुनाते हुए सभी में सफलता प्राप्ति के लिए उत्साह जगाया। उन्होंने कहा कि भारत का यह अमृत काल राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने का अच्छा समय है।
कार्यक्रम का समापन देश भक्ति एवं युवा शक्ति विषय पर बाल संस्कारशाला के बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ हुआ। उल्लेखनीय है कि यह बाल संस्कार शाला के वे बच्चे थे, जो विभिन्न झुग्गी बस्तियों में रहते हैं, जिनके व्यक्तित्व विकास के लिए दिया दिल्ली कई वर्षों से सक्रिय है।
दिल्ली एनसीआर की विभिन्न शाखाओं ने डॉ. इंद्रपाल आर्य, श्री सज्जन शर्मा, श्री दिनेश शर्मा, श्री आलोक श्रीवास्तव, श्री अविनाश आहूजा आदि के मार्गदर्शन में
विविध व्यवस्थाएँ सँभालकर कार्यक्रम की सफलता में प्रशंसनीय योगदान दिया।
गायत्री चेतना केंद्र नोएडा के व्यवस्थापक श्री बालरूप शर्मा, देसंविवि के प्रतिनिधि डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा और शान्तिकुञ्ज की संगीत व आईटी की टोली ने अहम भूमिका निभाई।
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