परहित के लिए जो स्वयं कष्ट सहने में पीछे नहीं रहे, वही है सच्चा शिवभक्त - श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैल जीजी
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैल जीजी ने शान्तिकुञ्ज में भगवान महादेव की विशेष
पूजा अर्चना की। स्वर, संगीत, उमंग, उल्लास के साथ पुरूष सूक्त, महाकालाष्टक, रूद्राष्टक एवं अन्य वैदिक कर्मकांड के माध्यम से की गई वंदना के साथ उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने देवत्व की रक्षा के लिए स्वयं हलाहल पिया था। आज का यह पर्व उसी परम्परा के पालन की प्रेरणा देता है। सच्चा शिवभक्त वही है जो स्वयं कष्ट हकर भी दूसरों के कल्याण के लिए प्रयत्नशील रहता है। श्रद्धेय डॉक्टर साहब ने कहा कि गायत्री परिवार के संस्थापक पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने भी विश्व कल्याण के
लिए काफी अपमान सहे, परंतु शिव की भांति वसुधैव कुटुंबकम के भाव को जन-जन के मनों में उतारने का प्रयास किया, जिससे प्राणी मात्र में प्यार, सहकार का भाव जाग्रत हो सके।
प्रज्ञेश्वर महादेव में रूद्राभिषेक
देव संस्कृति विश्वविद्यालय में परम्परा के अनुरूप प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में रूद्राभिषेक हुआ। देसंविवि के प्रति कुलपति व युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी एवं श्रीमती शैफाली जीजी ने अखिल विश्व गायत्री परिवार के परिजनों का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व शांति की कामना की। इस अवसर पर प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर परिसर में भक्तिगीतों की गंगा बही। उपस्थित हजारों शिव भक्त ‘जय भोले हितकारी ...’ आदि संकीर्तन के साथ झूमते नजर आए।
पुरूष सूक्त व महाकालाष्टक के साथ रूद्राभिषेक का वैदिक कर्मकाण्ड श्री श्याम बिहारी दुबे एवं श्री दयकिशोर मिश्र ने सम्पन्न कराया। शान्तिकुञ्ज में हजारों भक्त महाशिवरात्रि के अवसर पर रूद्राभिषेक के विविध कार्यक्रमों में शामिल हुए। यह क्रम सायंकालीन सत्संग सभा तक चलता रहा। देशविदेश से आये शिव भक्तो ने बड़े उत्साह-उमंग के साथ इसमें भाग लिया।
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