Magazine - Year 1941 - Version 2
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Language: HINDI
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समालोचना
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स्प्रिचुअलिज्म इन इण्डिया (अंग्रेजी में) ले. श्री बी.डी.ऋषि, बी.ए.एल.एल.बी. प्राप्ति स्थान इण्डियन स्प्रिचुअलिज्म सोसाइटी, 51 गोर धनदास बिल्डिंग, गिरगाँव बम्बई मूल्य 2) कागज छपाई, जिल्द सभी सुन्दर ।
श्री बी.डी. ऋषि परलोक विद्या के प्रकाण्ड पंडित हैं। आपने इस तत्व की पर्याप्त खोज की और प्रेतों का साक्षात करने में सफलता प्राप्त की है। आपने इसी खोज के सम्बन्ध में विदेशों की यात्रा की है और अन्तर्राष्ट्रीय परलोक विद्या काँग्रेस में भारत के प्रतिनिधि की हैसियत से शामिल रहे हैं। यह पुस्तक आपके अनुभवों का सार है प्रेम तत्व के सिद्धान्त एवं उनके साँसारिक मनुष्यों के साथ होने वाले संपर्क के सम्बन्ध में इसमें बहुत कुछ बताया गया है। जिज्ञासुओं के काम की चीज है।
श्री बसन्त कृष्णायन रचयिता श्रीयुत बसन्तराम जी महाराज प्रकाशक, श्री श्याम सनेही श्यामाशरण जी हैदराबार (सिन्धु) अठपेजी साइज के 1600 अनेक बहुरंगे चित्रों से सुसज्जित कागज छपाई बढ़िया कपड़े की जिल्द ।
पुस्तक के लेखक सिंध प्रान्त के एक उच्च कोटि के साधक महात्मा थे। यह आपकी अमूल्य कृति है समस्त पुस्तक 9 द्वार में विभाजित हैं। श्री राधाकृष्ण गोलोक, श्री वृंदावन, गिरिराज, गोपिका, मधुपुरी ,द्वारावती, बल्देव, और विज्ञान द्वार हैं। भगवान श्री कृष्ण के ललित एवं लीलामय जीवन का सुन्दर, सरस, सुबोध, दोहा, चौपाइयों में एक अनुपम एवं जीता जागता चित्र विद्वान लेखक ने धार्मिक जगत को प्रदान किया है। आशा है भगवान कृष्ण के भक्त इस अमूल्य पुस्तक को श्री रामायण की भाँति ही शीघ्र अपनावेंगे।
अखण्ड ज्योति के ग्राहकों को पौने मूल्य में ही मिल सकेगा डाक व्यय पृथक। इसकी प्राप्ति के लिये सम्पादक, नाम माहात्मय, वृन्दावन, यू.पी. को लिखना चाहिये।
*समाप्त*