Magazine - Year 1942 - Version 2
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Language: HINDI
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धर्म एक है
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(राष्ट्रपति मौलाना अब्दुल कलाम आजाद)
जब धर्म एक होने के बजाय अगणित जत्थों और सम्प्रदाओं में बँट गया और हर जत्था केवल अपने को ही सच्चा और सबको झूठा बतलाने लगा तो अब इस बात का फैसला कैसे हो कि वास्तव में सत्य कहा हैं। कुरान कहता है कि वास्तविक सत्य तो सबके पास है, किन्तु व्यवहार में सबने उसे खो रखा है। सबको एक ही धर्म की शिक्षा दी गई थी और सबके लिये एक ही विश्वव्यापी आदेश था। लेकिन सबने वास्तविक तत्व को नष्ट कर दिया और ईश्वरीय पथ पर मिलजुलकर रहने के स्थान पर अलग-2 गिरोह बन्दियाँ कर लीं। अब प्रत्येक सम्प्रदाय दूसरे सम्प्रदाय से लड़ रहा है और समझता है कि मुक्ति और कल्याण मेरी पैतृक सम्पत्ति है, दूसरों को इसमें कोई हिस्सा नहीं।
विविध धर्मों की इस गिरोहबन्दी का परिणाम यह हुआ कि परमात्मा के उपासना मन्दिर तक अलग हो गये। यद्यपि धर्मों के अनुयायी एक ही परमात्मा के मानने वाले हैं, तथापि यह संभव नहीं कि एक धर्म का अनुयायी दूसरे धर्म वालों के बनाये हुए उपासना मन्दिर में जाकर परमात्मा का नाम ले सके। इतना ही नहीं, बल्कि प्रत्येक सम्प्रदाय लोग केवल अपने ही उपासना मन्दिर को ईश्वर की उपासना का स्थान समझते हैं और दूसरे सम्प्रदाय के उपासना गृहों का उनकी नजरों में कोई आदर नहीं। यहाँ तक कि लोग धर्म के नाम पर दूसरों के उपासना गृहों को नष्ट तक कर डालते हैं। कुरान कहता है इससे बढ़कर अन्याय मनुष्य और क्या कर सकता है कि खुदा के बन्दों को उसकी पूजा करने से रोके और केवल इसलिए कि वे किसी दूसरे सम्प्रदाय में शामिल हैं या किसी उपासनागृह को केवल इसलिए गिरा दे कि वह हमारा नहीं, बल्कि दूसरे संप्रदाय वालों का बनवाया हुआ है।