Magazine - Year 1954 - Version 2
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Language: HINDI
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जीवन परिचय (Kavita)
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मैं उस जीवन का प्याला हूँ, जिसमें उल्लास छलकता है।
मैं उस जीवन की ज्वाला हूँ, जिसमें संसार उबलता है॥
मैं उस जीवन की ज्योति प्रबल, जिसमें जन-जीवन पनपता है।
मैं उस जीवन की राग अमल, जिसमें ह्रत्तार झनकता है॥
मैं उस जीवन का दर्पण हूँ, जिसमें आदर्श झलकता है।
मैं उस जीवन का कर्षण हूँ, जिसमें बस प्रेम मुकलता है॥
मैं उस जीवन का धावन हूँ, जिसमें पशु का निर्वाह नहीं।
मैं उस जीवन का दामन हूँ, जिसमें दनुता की छाँह नहीं।
मैं उस जीवन की माया हूँ, जिसमें ममता का लेश नहीं।
मैं उस जीवन की काया हूँ, जिसमें शठता का वेश नहीं॥
मैं उस जीवन का हूँ, बसन्त, जिसमें प्रियतम की कूक बसी।
मैं उस जीवन का हूँ अनन्त, जिसमें दुखिया की हूक धंसी॥
मैं उस जीवन का पावस हूँ, जिसमें रस की फौहार फटे।
मैं उस जीवन का साहस हूँ, जिसमें यश की पौहार बंटे॥
मैं उस जीवन का माली हूँ, जिसमें शिशुता की हरियाली।
मैं उस जीवन की थाली हूँ, जिसमें मधुता-प्रियता-ढाली॥
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मैं उस जीवन की लहरी हूँ, जिसमें थल अथल उथल जाये।
मैं उस जीवन की शफरी हूँ, जिसमें चल अचल छहल जाये॥
मैं उस जीवन का नाला हूँ, जिसमें कल-कल अनुराग बहे।
मैं उस जीवन की बाला हूँ, जिसमें पल पल पर फाग दहे॥
मैं उस जीवन की मदिरा हूँ, जिसमें उन्माद मनस्वी का।
मैं उस जीवन की सुशिरा हूँ, जिसमें सम्वाद तपस्वी का॥
मैं उस जीवन का कं्रदन हूँ, जिसमें भव विभव महालय है।
मैं उस जीवन का मर्दन हूँ, जिसमें शवमय शुभ मानव है॥
*समाप्त*