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अन्तःकरण की आवाज सुनो और उसका अनुसरण करो
प्रार्थना को दैनिक जीवन में प्रमुख स्थान मिले
आत्म-शक्ति का अकूत भण्डार
श्रद्धावांल्लभते ज्ञानं
भारतीय संस्कृति मानवता का वरदान
वसुधैव कुटुम्बकम्
जीवन एक वरदान है- इसे वरदान की तरह जियें
सुन्दरता बढ़ाइये पर साथ ही आन्तरिक पवित्रता भी
निग्रहीत मन की अपार सार्मथ्य
सर्वनाशी क्रोध
धन का सही उपार्जन और सही उपयोग ही उचित है
दैनिक जीवन में विनीत बने रहिए
जीवन को स्वस्थ, सार्थक एवं सुखी बनाइये
भारत के लिए सर्वस्व अर्पण करने वाली 'बहिन निवेदिता'
हमारी वीरता अक्षुण्ण रहनी चाहिए
मधु संचय
आदर्श गुरु शिष्य परम्परा फिर जगे
सुखी न भयऊँ 'अभय' की नाईं
घर छोड़कर भागना पाप है
काम में लगन भी हो और भावना भी
कर्ज से छुटकारा पाना ही ठीक है
युग-निर्माण आन्दोलन की प्रगति
गीत-उद्बोधन
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-
Year 1965 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
धन का सही उपार्जन और सही उपयोग ही उचित है
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Other Version of this book
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
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