• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • गौरक्षा के लिए एक महान् पुरश्चरण
    • हम वास्तविक बुद्धिमत्ता अपनायें
    • परमात्मा का अस्तित्व और अनुग्रह
    • आत्म-सत्ता और उसकी महान् महत्ता
    • मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार का परिष्कार
    • ममता हटाने पर ही चित्त शुद्ध होगा ।
    • वासना-त्याग के बिना चैन कहाँ
    • धनवान नहीं चरित्रवान होने की बात सोचिए
    • सद्ज्ञान का संचय एवं प्रसार आवश्यक है
    • आलस एक प्रकार की आत्म-हत्या ही है
    • भाग्यवाद को तिलांजलि देना ही श्रेयस्कर
    • मनुष्यता को निर्दयता से कलंकित न करें
    • गौ-रक्षा मनुष्य मात्र का धर्म र्कत्तव्य
    • परिवार किसी उद्देश्य के लिए बसाया जाय
    • समाज सुधार के लिए प्रबुद्ध वर्ग आगे बढ़ें
    • गायत्री की उच्चस्तरीय साधना- आत्म कल्याण की सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वोपरि उपासना
    • अपनों से अपनी बात- हम घट नहीं रहे, बढ़े ही हैं
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • गौरक्षा के लिए एक महान् पुरश्चरण
    • हम वास्तविक बुद्धिमत्ता अपनायें
    • परमात्मा का अस्तित्व और अनुग्रह
    • आत्म-सत्ता और उसकी महान् महत्ता
    • मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार का परिष्कार
    • ममता हटाने पर ही चित्त शुद्ध होगा ।
    • वासना-त्याग के बिना चैन कहाँ
    • धनवान नहीं चरित्रवान होने की बात सोचिए
    • सद्ज्ञान का संचय एवं प्रसार आवश्यक है
    • आलस एक प्रकार की आत्म-हत्या ही है
    • भाग्यवाद को तिलांजलि देना ही श्रेयस्कर
    • मनुष्यता को निर्दयता से कलंकित न करें
    • गौ-रक्षा मनुष्य मात्र का धर्म र्कत्तव्य
    • परिवार किसी उद्देश्य के लिए बसाया जाय
    • समाज सुधार के लिए प्रबुद्ध वर्ग आगे बढ़ें
    • गायत्री की उच्चस्तरीय साधना- आत्म कल्याण की सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वोपरि उपासना
    • अपनों से अपनी बात- हम घट नहीं रहे, बढ़े ही हैं
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1966 - Version 1

Media: SCAN
Language: HINDI
SCAN TEXT


गौरक्षा के लिए एक महान् पुरश्चरण

2 Last
2 Last


Other Version of this book



Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...

Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • गौरक्षा के लिए एक महान् पुरश्चरण
  • हम वास्तविक बुद्धिमत्ता अपनायें
  • परमात्मा का अस्तित्व और अनुग्रह
  • आत्म-सत्ता और उसकी महान् महत्ता
  • मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार का परिष्कार
  • ममता हटाने पर ही चित्त शुद्ध होगा ।
  • वासना-त्याग के बिना चैन कहाँ
  • धनवान नहीं चरित्रवान होने की बात सोचिए
  • सद्ज्ञान का संचय एवं प्रसार आवश्यक है
  • आलस एक प्रकार की आत्म-हत्या ही है
  • भाग्यवाद को तिलांजलि देना ही श्रेयस्कर
  • मनुष्यता को निर्दयता से कलंकित न करें
  • गौ-रक्षा मनुष्य मात्र का धर्म र्कत्तव्य
  • परिवार किसी उद्देश्य के लिए बसाया जाय
  • समाज सुधार के लिए प्रबुद्ध वर्ग आगे बढ़ें
  • गायत्री की उच्चस्तरीय साधना- आत्म कल्याण की सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वोपरि उपासना
  • अपनों से अपनी बात- हम घट नहीं रहे, बढ़े ही हैं
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj