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आध्यात्मिकता निश्क्रियता नहीं सिखाती
निकट भविष्य में अध्यात्म युग आकर रहेगा
हम अन्तरिक्ष को ही नहीं अन्तर को भी खोजें
शक्ति तो आत्मबल में सन्निहित है
अवरोधों से जूझने में मनुष्य पूर्णतया समर्थ है
धर्मधारणा का आचरण में उतारा जाय
मनुष्य की अतिन्दि्रय और अद्भुत क्षमताएँ
चींटियों की अनुकरणीय समाज-व्यवस्था
दीर्घ-जीवन प्रकृति का सहज सरल उपहार
दीर्घ-जीवन प्रकृति का सहज सरल उपहार
क्या हम वस्तुतः अभावग्रस्त और दरिद्र हैं
मंत्र साधना और उसकी रहस्यमयी शक्ति
आनन्दित रहने के पर्याप्त कारण हमारे सामने मौजूद है
सज्ज्ानता और शालिनता की विजय यात्रा
आध्यात्मिकता का स्वरूप प्रयोजन और फलितार्थ
मृत्यु से क्या तो डरें और क्यों घबरायें
दुढ़ापा प्रगति में बाधक नहीं होता
हिंसा के आतंक पर स्नेह-सौजन्य की विजय
नेता नहीं सृजेता-चाहिए
हम बिच्छु की तरह अपनी मातृ-सत्ता को समाप्त न करें
हमारी प्रगति का अन्त महामरण में होगा
आकाश की तरह हमारी चेतना की उच्च परतें
मनुष्य शरीर की चमत्कारी विद्युत शक्ति
मनुष्य शरीर की चमत्कारी विद्युत शक्ति
हलकापन ही ऊँचाई और गहराई तक ले पहुँचता है
अभ्यास किया जाय तो हवा में उड़ा जा सकता है
अपनों से अपनी बात
ऐलोपैथिक के अदूरदर्शी आधार
मानवी अंतःकरण हूँ
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Year 1973 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
शक्ति तो आत्मबल में सन्निहित है
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Other Version of this book
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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निकट भविष्य में अध्यात्म युग आकर रहेगा
हम अन्तरिक्ष को ही नहीं अन्तर को भी खोजें
शक्ति तो आत्मबल में सन्निहित है
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