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आस्था ही आस्तिकता - स्वामी विवेकानन्द
धर्म हमें अन्तिम सत्य तक ले पहुँचता है
चेतना का हाथी भौतिकी सुतली से न बाँधें
आत्म निर्माण के अधिकारी
आत्म प्रगति के आधार भूत साधन योग और तप
मनुष्य क्षमता से नहीं शालीनता से बड़ा है
आत्म-निरीक्षण और आत्म-नियंत्राण की आवश्यकता
व्यवहार से ही ज्ञान की सिद्ध
अतीन्दि्रय क्षमताओं में प्रमुख दिव्य दृष्टि
जीवन और मरण की रहस्यमयी पहेली
जीवन मानव जीवन की सर्वोपरि सम्पदा
व्यक्तिव का स्तर गिरायें नहीं ऊँचा रखें
जीवन काल की मनःस्थिति मरने के उपरान्त भी
षट्चक्र प्रचण्ड प्रवाहों के उद्गम
अविज्ञात की अनुकम्पा से महान् रहस्यों का प्रकटीकरण
सिद्धपीठ चलें शक्ति लेकर आयें
लूट-खसोट के अवरोध में सूक्ष्म शक्तियों की भूमिका
प्राचीनता की हठ सत्य के प्रति अत्याचार
अग्निहोत्र में तप और ध्वनि शक्ति का सूक्ष्म प्रयोग
यज्ञ की महिमा धर्मशास्त्र की दृष्टि में
उच्च रक्त चाप की महाव्याधि का संकट
ध्यान धारणा का आत्म निर्माण में योगदान
प्रशिक्षण और मार्गदर्शन की स्वयंभूशक्ति
अपनों से अपनी बात- रजत जयन्ती वर्ष के कुछ महान् कार्यक्रम
करनी कुछ दिखलाओ (कविता) -डॉ० हरगोविन्द सिंह
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Year 1978 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
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Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Version 1
Type: SCAN
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मनुष्य क्षमता से नहीं शालीनता से बड़ा है
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ध्यान धारणा का आत्म निर्माण में योगदान
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अपनों से अपनी बात- रजत जयन्ती वर्ष के कुछ महान् कार्यक्रम
करनी कुछ दिखलाओ (कविता) -डॉ० हरगोविन्द सिंह