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जीवन एक प्रत्यक्ष कल्प वृक्ष
भूदेव की आराधना
ब्रह्माण्ड में ओत-प्रोत ब्रह्म सत्ता
'सर्व' खिलवेद ब्रह्म' अब अधिक प्रत्यक्ष
सापेक्षवाद एवं पूर्वाग्रह रहित सत्यान्वेषण
धर्म तर्क के न्यायालय में
जीवन और मरण की अविच्छिन्न श्रृंखला
त्याग का अन्धानुकरण न किया जाय
मनुष्य और प्रेतों की मध्यवर्ती श्रृंखला
जीवन की सभी विषमताओं से संघर्ष सम्भव
आप करे, आपुई फल पाये
निंदक नियरे राखिये
समस्त सफलताओ का मूल-मन
अन्तर्मन का परिष्कार योग साधना से
प्रतिभाओं की खेती रक्त-बीज तैयार करेगी
उद्ण्डता नहीं, सौम्य सज्जनता ही श्रेयस्कर
हृदय रोग के तीन कारण, मानसिक तनाव और शारीरिक बढ़ाव और रक्त का दबाव
प्राणशक्ति का चिकित्सा उपचार में प्रयोग
न कहीं संयोग है न सर्वज्ञ
मन की विलक्षण क्षमता
शिक्षा का उद्येश्य-व्यक्तित्व का विकास
तोप के गोले-जब फूल से बन गये
शीत ऋतु में प्रज्ञा पुत्रों के लिए अनुदान सत्र
अपनों से अपनी बात-व्यस्त प्रज्ञा परिजन भी इतना तो कर ही सकेंगे
आत्म-आवरण (कविता) -मंगल विजय
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-
Year 1980 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
ब्रह्माण्ड में ओत-प्रोत ब्रह्म सत्ता
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Other Version of this book
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
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उद्ण्डता नहीं, सौम्य सज्जनता ही श्रेयस्कर
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