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विशिष्ट अनुदान सत्र-स्पष्टीकरण
परिवर्तन असुविधाजनक होते हुए भी अपरिहार्य है
विनाश की व्यापक विभीषिकाओं का एकमात्र समाधान
युग परिवर्तन की पृष्ठभूमि और आधार
युग सन्धि की विषम बेला में जागृत आत्माओं को आह्वान
यह सुयोग गँवा देने वाले पछतायेंगे
पवन पुत्र हनुमान का आदर्श अपनाएँ
शालीनता की सीता को ढूँढ निकाला जाय
जागृतों की अंतरात्मा में इस उषा का उदय इन्हीं दिनों
जागृत आत्मा से अग्रगामी बनने का आह्वान
यह नवरात्रियाँ असामान्य हैं
नवरात्रि अनुशासन का तत्व दर्शन
नवरात्रि पर्व पर भावश्रद्धा की परिणति उदार अनुदानों में है
छोटे शुभारंभों में निहित महान संभावनाएँ
युग साधना में निष्ठा का समावेश
चरणपीठों के सम्बन्ध में ज्ञातव्य एवं स्पष्टीकरण
प्रज्ञा संस्थानों की सफलता के आधार
प्रज्ञापुत्र अपनी प्रौढ़ता का परिचय देंे
नवरात्रि की पूर्णाहुति इस प्रकार सम्पन्न हो- इस अवसर पर नव सृजन की गतिविधियाँ उभरें, इस अवसर पर किये गये शुभारम्भों का भविष्य उज्ज्वल होगा
न्यूनतम कार्यक्रम जो सभी प्रज्ञा परिजनों को पूरे करने हैं
जिन्दगी एक पड़ाव नहीं (कविता) -लाखनसिंह भदौरिया
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परिवर्तन असुविधाजनक होते हुए भी अपरिहार्य है
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Year 1980 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
SCAN
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विशिष्ट अनुदान सत्र-स्पष्टीकरण
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