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पर्यटक शान्ति-कुँज न ठहर सकेंगे
कठिनाइयाँ आवश्यक भी हैं, लाभदायक भी
हृदय में बसते हैं भगवान
आत्म विस्मृति की विडम्बना
निन्दा से विचलित न हों उसे महत्त्व न दें
अपनी सामर्थ्य पहचाने सुदृढ़ बनें।
काशी नरेश (kahani)
मरणं बिन्दु पातेन जीवनं बिन्दु धारणात्
मानसिक दक्षता सहज ही बढ़ सकती है।
Quotation
मनुष्य को अभी बहुत कुछ जानना शेष है।
हमारा संपर्क क्षेत्र अगले दिनों अधिक विस्तृत होगा
सौर मण्डल हमारा बड़ा परिवार
महाकाल की व्यूह रचना और जागृतों का युग धर्म
आदिम युग की और लौटता विश्व समुदाय
महामरण की एक व्यापक तैयारी
अब पर्जन्य नहीं, अम्ल बरसेगा
Quotation
बढ़ते रोग मानवता के लिये नया संकट
विनाश लीला टाली जा सकती है।
महाकाल का युगान्तरीय चेतन प्रवाह
व्याहृतियों में विराट का दर्शन
यज्ञ ऊर्जा एवं मंत्र विद्या का अन्योन्याश्रय सम्बन्ध
Quotation
मेध यज्ञों का दर्शन एवं स्वरूप
तुलसी आरोपण इस वर्ष का विशिष्ट प्रयास
अंकुरित हो गया (kahani)
आद्यशक्ति की सार्वभौम उपासना एक मनीषी का अभिमत
अपनों से अपनी बात - युग समस्याओं का निराकरण अब जनता के सुप्रीम कोर्ट में होगा।
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सन्त वाणी
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Year 1983 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
सन्त वाणी
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(लाखन सिंह भदौरिया)
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Type: TEXT
Language: HINDI
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Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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