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सफलता पानी हो तो श्रम-सीकर बहाएँ
चन्दन का कोयला तो न बनाएँ
परमाणुशक्ति से बढ़कर है आत्मसत्ता
सार्मथ्य सम्पदा से भरपूर मानवी अन्तराल
कारण शरीर की विशिष्टता ः भावश्रद्धा
मृत्यु के बाद भी है जीवन
आत्मशक्ति का सम्वर्धन एवं प्राणयोग
निर्मल मन सो मोहि अति भावा
भविष्य कथन कितना सच, कितना झूठ
मुस्कराइए, व्यक्तित्व को निखारिए
तर्कों की भाषा से परे है ईश्वर की सत्ता
कण कण में निहित है अनुशासन एवं एकत्व
जड़ों तक पहुँचने पर ही सही उपचार संभव
उपयुक्त वातावरण ढूँढ़ें अथवा बनाएँ
दर्शन साध्य है तो विज्ञान साधन
सर्वनाश की दिशा में बढ़ता मानव समुदाय
योग बाजीगरी नहीं वरन् उच्चस्तरीय पुरुषार्थ है
मनोनिग्रह से सम्भव है अतीन्दि्रय क्षमताओं का विकास
परमानन्द का स्रोत अपने निज के अन्तराल में
ग्रन्थिवेध एक समग्र साधना
सफलता आपका जन्मसिद्ध अधिकार
कैसे बदलेगा मानव जाति का भविष्य
भूतकाल को भुलाया जाय
विचार सम्पे्रषण बिना माध्यम के भी सम्भव
प्रतिकूलताओं में हड़बड़ाएँ नहीं
पिण्ड में निहित शक्ति का भाण्डागार
विचार तन्त्र सुव्यवस्थित रहे
क्रियाकलापों का विस्तार केन्द्र के समाचार
स्वास्थ्यरक्षा हेतु उपवास की अनिवार्यता
पुण्य की सही परिभाषा
अपनों से अपनी बातः स्वास्थ्य संरक्षण के क्षेत्र में एक अभिनव प्रयोग
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Year 1988 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
सफलता पानी हो तो श्रम-सीकर बहाएँ
2
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Other Version of this book
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
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चन्दन का कोयला तो न बनाएँ
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सार्मथ्य सम्पदा से भरपूर मानवी अन्तराल
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