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इस उन्माद को कोई रोकता क्यों नहीं
युग धर्म का परिपालन अनिवार्य
यदि दूर हो जाये बेहोशी तो........
अनौचित्य को उलटने को तत्पर दैवी चेतना
सन्तानें जो इतिहास में अमर हो गयी
प्रवाह को मोड़ने मरोड़ने की आवश्यकता
जाग्रत् संकल्प शक्ति एक विभूति
लोक सेवी सृजन शिल्पी ऐसे हों
सतयुग की वापसी का राजमार्ग
परिमाजिर्त व्यक्तित्व-बनाम साधन सिद्धि
स्नेह की स्याही सद्गुणो की इबारत
भटकाव से उबरने का सही मार्ग
दक्षिण के विनोबा कुट्टी जी
महानता की पहली शर्त ससादगी
युगसंधि का मध्यान्तर-उसकी रूपरेखा
मालिकी इसी आधार पर निभती है
पूणर्सत्य तक पहुँचने का एक ही मार्ग-अध्यात्म
परिवतर्न होकर हरेगा
जब फूट पड़ी अंतः की गंगोत्री
तीसरा संस्करण
महामानवों की टकसाल ऐसे बनेंगी
संगठन की प्रखर परिणतियाँ
महाकाल की पुकार
मधु संचय
भाव संवेदना ही एक मात्र विकल्प
सच्चा समपर्ण पति एवं समाज के प्रति
आदर्श का शुभारम्भ स्वयं से
चेतना की परतें व उनका रहस्योद्घाटन
आह्वान मनु की संतानों से
नारी जागृति का स्वरूप एवं आदर्श
शिक्षा का नहीं विद्या का सागर
उपयुक्त आहार-जीवन्त आहार
सुयोग सौभाग्य को चूकें नहीं
विद्या के उपासक-आचार्यो के भी महाचार्य
My Note
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SPIRITUALITY
Meditation
EMOTIONS
AMRITVANI
PERSONAL TRANSFORMATION
SOCIAL IMPROVEMENT
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INDIAN CULTURE
SCIENCE AND SPIRITUALITY
GAYATRI
LIFE MANAGEMENT
PERSONALITY REFINEMENT
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-
Year 1990 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
इस उन्माद को कोई रोकता क्यों नहीं
2
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Other Version of this book
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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युग धर्म का परिपालन अनिवार्य
यदि दूर हो जाये बेहोशी तो........
अनौचित्य को उलटने को तत्पर दैवी चेतना
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चेतना की परतें व उनका रहस्योद्घाटन
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नारी जागृति का स्वरूप एवं आदर्श
शिक्षा का नहीं विद्या का सागर
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सुयोग सौभाग्य को चूकें नहीं
विद्या के उपासक-आचार्यो के भी महाचार्य