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युग परिवर्तन की वासन्ती प्रवाह
महेश्वर महाकाल का संकल्प पूर्ण होकर ही रहेगा
कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो
युग परिवतर्न का अर्थ
सुनें महापरिवर्तन की इस आहट को
वैज्ञानिक क्रान्ति, जिसने किया विश्व का एकीकरण
संभवामि युगे-युगे
उथल-पुथल के इस दौर में आथक नेतृत्व भी भारत ही करेगा
दैवी चेतना पयार्वरण-संकट का भी समाधान करेगी
इक्कीसवीं सदी की चिकित्सा पद्धति होगी- आयुर्वेद
राजनैतिक परिदृश्य पर दिखाई देते परिवर्तन के संकेत
विचार क्रान्ति- परिवर्तन की वेला में एक नए दर्शन का प्रवर्तन
सूक्ष्म अंतरिक्षीय हलचलें भी देती हैं, युग परिवर्तन का ही संकेत
युग के अवतार का आगमन
इस बदलती फिजां में नरी की भूमिका
युग परिवर्तन के तीन सोपान- आत्म, परिवार एवं समाज निर्माण
बीसवीं सदी की सफरनामा
यह हरि की लीला टारी नांहि टरै
परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी
इस संधिवेला में अपनायी जाने वाली विशिष्ट साधनाएँ
अपनों से अपनी बात-युग परिवर्तन की अंतिम घड़ी आ पहुँची, अब तो सँभलें
युगद्रष्टा के जीवन-दर्शन के साथ वाङ्मय समग्र रूप में उपलब्ध
वसन्त (कविता) -माया वर्मा
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ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुरवरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ||
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-
Year 1998 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
युग के अवतार का आगमन
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30
32
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Other Version of this book
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
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महेश्वर महाकाल का संकल्प पूर्ण होकर ही रहेगा
कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो
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सुनें महापरिवर्तन की इस आहट को
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युगद्रष्टा के जीवन-दर्शन के साथ वाङ्मय समग्र रूप में उपलब्ध
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