Magazine - Year 1999 - Version 2
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Language: HINDI
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महत्त्वाकाँक्षाएँ (Kahani)
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एक जुलाहे ने भूत की सिद्धि की। भूत प्रकट हुआ तो उससे वरदान माँगा कि उसके दो शिर और चार हाथ हो जाएँ, ताकि वह अधिक काम कर सके और दुहरा वजन लादकर हाट को जा सके।
वरदान तो मिल गया, पर लोगों ने इस प्रकार के विचित्र आदमी को कुतूहल समझा और प्रेत-पिशाच का अनुमान लगाकर मार डाला।
महत्त्वाकाँक्षाएँ ऐसा ही दुख देती हैं। औसत नागरिक का स्तर अपनाकर ही सुखी रहा जा सकता है।