Books - पंच तत्वों से— सम्पूर्ण रोगों का निवारण
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Language: HINDI
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भूमिका
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सृष्टि की समस्त वस्तुओं का निर्माण, परिवर्तन, विकास और विनाश पंचतत्वों के रसायनिक परमाणुओं द्वारा होता है। जिस वस्तु की जैसी अच्छी और बुरी स्थिति है वह इन तत्वों की स्थिति के कारण ही है। अन्य सभी वस्तुओं की भांति मानव शरीर भी पंच तत्वों द्वारा बना हुआ है और उसका स्वस्थ, अस्वस्थ रहना भी उन्हीं के ऊपर निर्भर है।मनुष्य जाति आज शारीरिक अव्यवस्थाओं, पीड़ाओं, अभावों एवं विकृतियों से बहुत दुखी है। जिसे देखिए वही बीमारी और कमजोरी के कारण दुख पा रहा है। स्वास्थ्य की समस्या जीवन की एक प्रमुख समस्या बन गई है । उसे हल करने के लिए अन्य इधर उधर के आश्रय ढूंढ़ने की अपेक्षा उन्हीं पंच तत्वों से सहारा लेना अधिक उपयोगी है जिनके द्वारा कि शरीर का निर्माण हुआ है।पंच तत्वों द्वारा रोग निवारण का कार्य बहुत प्राचीन काल से होता रहा है। ऋषि मुनि इन्हीं के द्वारा शारीरिक विकारों से बचे रहते थे जब रोगों का आक्रमण होता था तब इन्हीं तत्वों की सहायता से उनका निवारण कर लेते थे । आज पूर्वीय और पाश्चात्य विद्वानों की अनेकों शोधों के उपरान्त तत्व चिकित्सा के विभिन्न रूप सामने आये हैं। इन्हें पाठकों के सामने उपस्थित किया जा रहा है। यह सभी उपचार प्राकृतिक होने के कारण अधिक आशुफल प्रद और हानि रहित हैं। प्राकृतिक चिकित्सा प्रेमियों के लिए यह पुस्तक लाभप्रद होगी ऐसा हमारा विश्वास है।—श्रीराम शर्मा आचार्य ।