Books - संस्कृति की अवज्ञा महँगी पड़ेगी
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Language: HINDI
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डरावनी अकेली होगी जिंदगी
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मित्रो! संस्कृति की सीता चली गई तो यही हो जाएगा। और क्या हो जाएगा? संस्कृति चली गई और आदमी को मालदार बना गई, खुशहाल बना दिया। हाँ साहब! हमें भी मालदार बना दीजिए। हाँ हम भी आपको बहुत मालदार बना देंगे, आप निश्चित रहिए। कितना मालदार बनाएँगे? बेटे! हम आपको बहुत मालदार बनाने वाले हैं। हम आपको इतना मालदार बनाएँगे, जितने कि अमेरिकन नागरिक हैं। अमेरिकन नागरिक कितने मालदार हैं? औसत नागरिक की आमदनी दो हजार रुपया मासिक है। औसत से क्या मतलब है? औसत आमदनी से यह मतलब है कि आप, आपकी बीबी और आपके दो बच्चे, कुल चार आदमी हैं तो आपकी औसत आमदनी आठ हजार होनी चाहिए ताकि प्रत्येक आदमी के हिस्से में दो-दो हजार आ सकें। आठ हजार आपको कमाना चाहिए -ताकि चारों के हिस्से में औसत दो हजार आ सकें। ठीक है, अमेरिका मालदार देश है। वहाँ क्या हो रहा है? बेटे! सारे का सारा अमेरिका, जिसमें से अस्सी फीसदी नागरिकों की बात में कहता हूँ टेंशन में बेतरह दुखी हैं। टेंशन क्या होता है? तनाव को कहते हैं। तनाव किसे कहते हैं? तनाव उसे कहते हैं कि जब आदमी यह देखता है कि मैं अकेला हूँ। मेरा कोई नहीं और मैं किसी का नहीं हूँ। अपने को जब आदमी अकेला देखता है तो उसे इतना भय लगता है। जिंदगी इतनी नीरस और डरावनी हो जाती है। आपको अकेलापन अनुभव हो तो आपकी जिंदगी इतनी नीरस हो जाएगी। फिर आप कोई परमहंस हों तो मैं नहीं कह सकता, लेकिन सामान्य आदमी हैं, एकाकी हैं, अकेले हैं, अपस्वार्थी हैं तो आपकी जिंदगी नरक हो जाएगी।
फिर क्या हो जाएगा? फिर आपके दिमाग पर इतना टेंशन रहेगा कि जिसकी वजह से आपकी नींद 'हराम हो जाएगी। अमेरिका के अधिकांश नागरिक रात को नींद की गोली खाकर के सोते हैं। काम करने के घंटे तो किसी प्रकार से निकाल लेते हैं। आठ घंटे आफिस में काम करना पड़ता है, सो वे उतना समय काट लेते हैं। फिर क्या करें? सारी जगह मरघट सी जिंदगी दिखाई पड़ती है और सारी दुनिया मरघट सी दिखाई पड़ती है। इस मरघट में अब हम कहाँ जाएँ? इधर जाएँ तो इधर भी आग, उधर जाएँ तो उधर भी आग। हर तरफ से जिंदगी नीरस दिखाई पड़ती है। उस नीरस जिंदगी में फिर कहाँ जाते हैं? बेटे! कहीं शराबखानों में चले जाते हैं; कहीं क्लबों में चले जाते हैं; कहीं कैबरे हाउस में चले जाते हैं। ये कैबरे हाउस क्या होते हैं? पहले औरतें वैसे नाचा करती थीं। अब उस साधारण नाच से आदमी का मनोरंजन नहीं होता, इसलिए उसे कैबरे डांस कहते हैं, जिसमें डांसर एक एक कपड़ा उतारना शुरू करती है। ऊपर से एक कपड़ा उतार दिया, दूसरा कपड़ा उतार दिया, तीसरा कपड़ा उतार दिया, फिर चौथा कपड़ा भी उतार दिया और बिलकुल मादरजाद नंगी हो जाती है। हाँ साहब! यह नाच कुछ पसंद आया? कपड़े पहनने वाली से अब मन नहीं भरता। कपड़े पहनने वाले नाच अब घटिया जान पड़ते हैं और बेकार मालूम पड़ते हैं। अब आदमी को जरूरत इस बात की है कि औरत बिलकुल सारे के सारे कपड़े उतार दे। एक भी कपड़ा बदन पर न हो और तब नाच दिखाए। तभी मन में जरा सी फुरफुरी आती है। मन को अच्छा लगता है। सारे दिन बियर, सारे दिन शराब, अभी तो नशा कम मालूम पड़ता है, और लाइए एक गिलास और लाइए। क्यों? बिना बियर के नहीं रह सकते? नहीं, बिना बियर के दुनिया हमें खा जाएगी।
फिर क्या हो जाएगा? फिर आपके दिमाग पर इतना टेंशन रहेगा कि जिसकी वजह से आपकी नींद 'हराम हो जाएगी। अमेरिका के अधिकांश नागरिक रात को नींद की गोली खाकर के सोते हैं। काम करने के घंटे तो किसी प्रकार से निकाल लेते हैं। आठ घंटे आफिस में काम करना पड़ता है, सो वे उतना समय काट लेते हैं। फिर क्या करें? सारी जगह मरघट सी जिंदगी दिखाई पड़ती है और सारी दुनिया मरघट सी दिखाई पड़ती है। इस मरघट में अब हम कहाँ जाएँ? इधर जाएँ तो इधर भी आग, उधर जाएँ तो उधर भी आग। हर तरफ से जिंदगी नीरस दिखाई पड़ती है। उस नीरस जिंदगी में फिर कहाँ जाते हैं? बेटे! कहीं शराबखानों में चले जाते हैं; कहीं क्लबों में चले जाते हैं; कहीं कैबरे हाउस में चले जाते हैं। ये कैबरे हाउस क्या होते हैं? पहले औरतें वैसे नाचा करती थीं। अब उस साधारण नाच से आदमी का मनोरंजन नहीं होता, इसलिए उसे कैबरे डांस कहते हैं, जिसमें डांसर एक एक कपड़ा उतारना शुरू करती है। ऊपर से एक कपड़ा उतार दिया, दूसरा कपड़ा उतार दिया, तीसरा कपड़ा उतार दिया, फिर चौथा कपड़ा भी उतार दिया और बिलकुल मादरजाद नंगी हो जाती है। हाँ साहब! यह नाच कुछ पसंद आया? कपड़े पहनने वाली से अब मन नहीं भरता। कपड़े पहनने वाले नाच अब घटिया जान पड़ते हैं और बेकार मालूम पड़ते हैं। अब आदमी को जरूरत इस बात की है कि औरत बिलकुल सारे के सारे कपड़े उतार दे। एक भी कपड़ा बदन पर न हो और तब नाच दिखाए। तभी मन में जरा सी फुरफुरी आती है। मन को अच्छा लगता है। सारे दिन बियर, सारे दिन शराब, अभी तो नशा कम मालूम पड़ता है, और लाइए एक गिलास और लाइए। क्यों? बिना बियर के नहीं रह सकते? नहीं, बिना बियर के दुनिया हमें खा जाएगी।