Books - यज्ञाग्नि हमारी पुरोहित
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
प्रकाश से अर्थ है—ज्ञान
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
बेटे! हम यह ध्यान नहीं कराते हैं कि चमक दिखाई दे। हम चमक के अर्थ में प्रकाश नहीं कहते हैं। ज्योति का अर्थ चमक नहीं हो सकता। नहीं साहब! चमक दिख जाएगी तो हमारा बड़ा भारी उद्धार हो जाएगा और उसको ध्यानयोग का अभ्यास हो जाएगा। नहीं बेटे! यह चमक नहीं है। चमक तो पंचभौतिक चीज है। यह पदार्थ है, यह अग्नि है, आग है। चमक आग है। इस चमक से योगाभ्यास का कोई खास ताल्लुक नहीं है। चमक दिखाई दे जाए तो अच्छी बात है, नहीं दिखे तो खराब बात भी नहीं है। अच्छा तो आप आज्ञाचक्र में जिसका ध्यान करते हैं, वह क्या चीज हो सकती है? बेटे! वह ज्ञान है। आध्यात्मिक परिभाषा में प्रकाश हमेशा ज्ञान के अथ मैं आता हैं। आत्मा में प्रकाश हो गया अर्थात आत्मबोध हो गया, ज्ञान का अर्थ है—आत्मबोध। ज्ञान कौन सा? जो स्कूलों में पढ़ाया जाता है? नहीं बेटे! स्कूलों वाला नहीं। स्कूल वाले ज्ञान को तो शिक्षा भी कहते हैं और जानकारी भी कहते हैं। यह तो पदार्थ विज्ञान के भीतर आती है; क्योंकि यह पदार्थों के बारे में सिखाती है। जब हम स्कूल में जाते हैं तो भूगोल सीखकर आते हैं, गणित सीखकर आते हैं, इतिहास सीखकर आते हैं। ये पंचभौतिक शिक्षाएँ हमको सांसारिक जानकारी देती हैं, जो रोटी कमाने के काम आती है और जो हमारी क्षमता को विकसित करने के काम आती है, यह शिक्षा है। विद्या, जिसको हम प्रकाश कहते हैं, उसका ज्ञान के अर्थ में प्रयोग करते हैं।