दिनांक 26, 27, 28 जनवरी 2018
माँ उमिया धाम , कापसी , भंडारा रोड, नागपुर |
युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा की सूक्ष्म चेतना एवं युवा प्रेरक श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी के अथक प्रयास ने तरुणाई के लिए नवयुग के निर्माण की आधार शिला रख दी है। शान्तिकुंज ने युवा शक्ति को राष्ट्र शक्ति के रूप में निखारने की प्रक्रिया को एक राष्ट्रव्यापी आन्दोलन और अभियान का रूप दिया है ताकि भारतवर्ष अपनी अपरिमित आध्यात्मिक श्रेष्ठता, सम्प्रभुता और सम्पन्नता के शिखर पर पुन: प्रतिष्ठित हों सके ।
इन्हीं विचारों एवं कलापों को मूर्त रूप प्रदान करने हेतु वर्ष 2016 एवं 2017 को अखिल विश्व गायत्री परिवार ने युवा क्रांति वर्ष के रूप में मनाया गया जिसकी पूर्णाहुति आगामी 26 से 28 जनवरी 2018 में देश के केंद्र स्थल नागपुर में संपन्न होगी। जिसमें देश के 650 जिलों के चयनित सृजनशील युवा प्रतिनिधि भागीदार बनेंगे।
यौवन जीवन का वसंत है तो युवा देश का गौरव है। दुनिया का इतिहास इसी यौवन की कथा-गाथा है। कवि ने कितना सत्य कहा है -
दुनिया का इतिहास केवल ये ही बतलाता है ,
"जिस ओर जवानी जाती है , उस ओर जमाना जाता है "
निर्माण और विकास के लिए चाहिए शक्ति -ऊर्जा और इसी ऊर्जा का श्रोत है युवा। देश और दुनिया इस समय संक्रमण काल से गुजर रहे हैं। अनेकों समस्याएं मनुष्यता के समक्ष दुर्धर्ष चुनौतियाँ प्रस्तुत कर रही हैं। युद्ध, आतंक, अलगाव, गन्दगी, मूढ़ मान्यताएं, नशा, बेरोजगारी, प्रदूषण आदि समस्याओं के समाधान तत्काल ना खोजे गए तो मनुष्यता के अस्तित्व पर संकट खड़ा दिख रहा है। इन्हीं समस्याओं के एकमुश्त समाधान हेतु आशाभरी दृष्टि युवाओं पर जाकर टिक जाती है।
हमारा देश इन दिनों दुनिया का सबसे जवान देश है। 60 करोड़ से अधिक युवाओं वाला देश चुनौतियों से भरा हो, ये बात समझ से परे है। कारण खोजने पर बात स्पष्ट हो जाती है की जवानी की दिशा और दशा बदलने की आवश्यकता है। व्यक्तिगत सुख एवं उन्नति पर केन्द्रित युवा सोच को राष्ट्र निर्माण के महान कार्य हेतु संकल्पित कराना होगा। युवा राष्ट्र की चुनौतियों का समाधान करें और देव -संस्कृति की महान परम्परा से वैश्विक समाधान भी खोजें। बुढ़ाती दुनिया का आज नहीं तो कल यौवन सहारा बनेगा। चरित्रवान सुसंस्कारी युवा ही राष्ट्र की सच्ची पूंजी है।
अत: सृजनशील युवाओं की खोज, प्रशिक्षण,संगठन तथा राष्ट्र के नव निर्माण में उन्हें संलग्र करना होगा।
एक विराट समागम
युवाक्रांति वर्ष के कार्यक्रम सफलतापूर्वक 2016 एवं 2017 में भारतवर्ष एवं पूरे विश्व में पूरे उत्साह के साथ संपन्न हुए । इसने एक बड़ा गहन मंथन किया एवं बहुत बड़ी संख्या में नया युवा वर्ग उभर कर आया । अपने संगठन के युवा वर्ग में भी नूतन उत्साह उत्पन्न हुआ एवं उनने कई उपलब्धियाँ अपने नाम कीं । यों तो 2000 के वर्ष में बैतूल में संपन्न युवा सम्मेलन से इसका आगाज हो चुका था, पर 2001 में विदेश की धरती पर प्रतिवर्ष लगभग पाँच देशों में हुए युवा समागम (यूथ कैंप-आवासीय) एवं यूथ एक्सपो ने इसकी तीव्रता और बढ़ा दी । महानगरों के युवाओं की सक्रियता एवं ग्रामीण-कस्बाई स्तर पर उभरी युवाशक्ति ने इस प्रक्रिया को गति दी । अब 2017 के साथ इसे एक नए आयाम में बदलकर अगला अध्याय खोला जा रहा है । 2018 के शुभारंभ में जनवरी की 26,27, 28 की तारीखों में देश का जीरो बिंदु क्षेत्र-पूरी तरह मध्य बिंदु नागपुर जो कि क्रांति की प्रतीकात्मक नगरी है, में एक विराट आयोजन ' युगसृजेता ' के साथ यह समापन होने जा रहा है, जो नए उत्साह व आंदोलनों के साथ अपनी 9 वर्षीय यात्रा पर ' यूथ विजन ' के साथ आगे बढ़ेगा ।
युवा हमारे राष्ट्र की ऐसी निधि हैं, जिनका वर्चस्व आनें वाले 2050 तक बना ही रहेगा । राष्ट्र की 65 से 70 प्रतिशत आबादी युवा है और उसका मिशन के रचनात्मक आयोजनों के साथ जुड़ना एक बहुत बड़ी उपलब्धि माना जाना चाहिए । जब अन्य सारे विकसित राष्ट्र, पश्चिमी विश्व, यूरोप अथवा जापान एक थकी हुई की पीढ़ी से रूबरू हो रहे हैं तब एक नई ताजा श्वास लेकर भारत की युवाशक्ति माँ भारती को आश्वासन देती है कि अब समय तुम्हारा ही है माते! युवा तैयार है एक भ्रष्टाचारमुक्त व्यसनमुक्त फैशनमुक्त उमंग-ऊर्जा से भरी शक्तिवाहिनी के साथ आगामी दो दशकों में पूरे विश्व का मार्गदर्शन करने के लिए ।
माघ शुक्ल नवमी से एकादशी शुक्रवार-शनिवार-रविवार 26 से 28 जनवरी, 2018 की तारीखों में एक विराट नवसृजन संकल्प समारोह 'युगसृजेता' के नाम से संपन्न होने जा रहा है । इसमें प्रथम दो दिवस राष्ट्र एवं विश्वव्यापी युवा चेतना शिविर विभिन्न कार्यशालाओं के साथ संपन्न होंगे तथा अंतिम दिवस विशाल रेशिम बाग मैदान (गायत्री शक्तिपीठ जगनाडे चौक के सामने) में विशाल यूथ एक्सपो संपन्न होने जा रहा है । प्रथम दो दिनों का कार्यक्रम नागपुर नगर के समीप स्थित उमिया माता मंदिर (दूरी 8 किमी.) कैंपस में होगा जिसमें पूरे देश व विश्व के विभिन्न राष्ट्रों के आमंत्रित वे युवा होंगे जिनने कुछ विशेष कार्य विगत 15 वर्षो में कर दिखाया है । एवं जिनसे आगे भी काफी अपेक्षाएँ हैं । भारतव्यापी युवा सम्मेलनों में स्वयं भागीदारी कर हमने भी अपने साथियों के साथ राष्ट्र को मथा है एवं तपाया है । तपकर जो मलाई ऊपर आई है वह प्रथम दो दिनों में अपनी उपलब्धियों के साथ प्रदर्शन करेगी, फिर इसका मूल सार संक्षेप राष्ट्र प्रमुखों की उपस्थिति में अंतिम दिन 28 जनवरी, रविवार को प्रदर्शित किया जाएगा ।