प्रेम और भक्ति का रंग चढ़ा
इस अश्वमेध यज्ञ के माध्यम से नए युग का निर्माण हो रहा है। यहाँ काम कर रहा हर व्यक्ति देवत्व भाव से ओतप्रोत है। सभी धर्म, सभी वर्गों के लोग एक ही रंग, भक्ति के रंग में रंगे दिखाई दे रहे हैं। सभी लोग प्रेम से, वात्सल्य से परिपूर्ण हैं।
- जयपाल मानकर, महाराष्ट
ऐसा दिव्य यज्ञ नहीं देखा
मैंने तीस साल मुंबई में बिताए हैं, लेकिन ऐसा दिव्य व सुन्दर महायज्ञ नहीं देखा। सभी में श्रीराम के रीछ वानर की तरह उत्साह देखने को मिल रहा है। स्वयंसेवकों में प्रभु का आशीष झलकता दिखाई दे रहा है।
- सुरेश ढौंढियाल, खारघर, नवी मुंबई
धरा पर स्वर्ग उतर आया
परम पूज्य गुरूदेव एवं परम वंदनीया माताजी के प्रेमभाव के प्रभाव से यहाँ उनका उद्घोष ‘मनुष्य में देवत्व का उदय, धरती पर स्वर्ग का अवतरण’ साकार होता दिखाई दे रहा है। गुरूदेव ने हम सबको इतना प्रेम दिया है कि उस प्रेम के कारण हजारों लोग यहाँ गुरूकार्य में लगे हैं। इतने बड़े विशाल गायत्री परिवार को देखकर मन गदगद हो रहे हैं। लगता है जैसे हमें कई जन्मों के पुण्य का फल मिला है, जो इस कार्य के लिए हम यहाँ आए हैं।
- अहिल्या साहू, राजनांदगांव, छ.ग.