Magazine - Year 1941 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
पाठकों का पृष्ठ
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
“धनवान बनने के गुप्त रहस्य” पुस्तक मिली। पुस्तक क्या है, निराश, बेकार और गरीब लोगों में प्राण भर देने वाली बिजली है। लोग धन प्राप्त करना चाहते हैं, किन्तु उन्हें उसके गुप्त रहस्यों का पता नहीं होता, इसलिए जन्म भर असफल रहते है आपने इस पुस्तक में वे रहस्य खोल कर रख दिये हैं जिनके बिना कोई धनवान नहीं बन सकता।
-प्रकाशनारायण सक्सेना, रीवाँ।
मैं धनवान बनने के लिए बहुत दिनों से चिन्तित हूँ। इसके लिए सैकड़ों पुस्तकें पढ़ी हैं, उनमें चूरन, चटनी, तेल, साबुन बनाने की विधियों के अलावा कुछ नहीं होता। हम देखते हैं कि इन चीजों को बनाने और बेचने वाले हर शहर में सैंकड़ों हैं, पर एक भी धनवान दिखाई नहीं देता। आपकी पुस्तक अनूठी है, उसमें कुबेर की अन्तरात्मा बोलती हुई सुनाई पड़ती है। ऐसी ही पुस्तकें हम गरीबों का भला कर सकती हैं। धनवान बनने के गुप्त रहस्य पुस्तक छापने के लिए आपको बधाई।
-विद्याप्रकाश जैसवाल, फरीदपुर।
आपने ‘धनवान बनने के गुप्त रहस्य’ पुस्तक लिखकर देश की बड़ी भारी सेवा की है। मैंने इसे दस बार पढ़ा है, पर तृप्ति नहीं होती। निस्संदेह धनवान बनने का केवल यही मार्ग हो सकता है, जिसका इस पुस्तक में वर्णन किया गया है। भौतिकवाद और आध्यात्मवाद का यह अद्भुत संमिश्रण है।
-तिलकचंद लखनचंद राठी, जौनपुर।
‘बुद्धि बढ़ाने के उपाय’ मुझे बहुत पसंद है। बहुत खोज के साथ लिखी गई है, हमारे स्कूल के विद्यार्थी इसमें वर्णित उपायों को काम में ला रहे हैं।
-नन्दकिशोर द्विवेदी, जबलपुर।