Magazine - Year 1942 - Version 2
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Language: HINDI
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प्रेम और मित्रता की कसौटी
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उत्तम पुरुषों की मित्रता शुक्ल पक्ष के चन्द्रमा की तरह है जो प्रति दिन बढ़ती है, किन्तु नीचों का प्रेम कृष्ण पक्ष के समान है। मतलब निकल जाने के बाद उनका प्रेम घटने—दिन-दिन घटने लगता है। मित्रता का उद्देश्य मनोरंजक करना नहीं बल्कि यह है कि दो आत्माएं एक दूसरे को कुमार्ग से बचाती हुई सन्मार्ग पर लगावें। महान पुरुषों की मित्रता, धर्म शाखाओं के स्वाध्याय के समान है, तुम जितना ही उनके निकट संपर्क में आओगे उतनी ही महानताएं उनके अन्दर देखोगे। हँसी-दिल्लगी तो भाँड भी करते हैं पर क्या वे मित्र हुए? मित्र तो वह है जो हृदय के अंतःस्तल में आह्लाद का आविर्भाव करता है। हवा में किसी अंग का कपड़ा उड़ जाय तो हाथ तुरंत ही उसे ढ़कने को दौड़ता है, मित्र वह है जो कुमार्ग पर जाते हुए साथी को बचाने के लिए तत्पर रहता है। मित्र तो उसे ही कहना चाहिए जो बुराइयों की विपत्ति से बचाकर नेकी के कार्यों में प्रोत्साहित करता है।
आध्यात्मिक परीक्षाएँ—
अखण्ड-ज्योति कार्यालय ने अब तक जितनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं, वह एक प्रकार का शिक्षा कोर्स है। इस कोर्स का जिन्होंने अध्ययन कर लिया है वे अपने विषयों की परीक्षाएँ देकर उपाधि सहित प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
सूर्य चिकित्सा
उपाधि—(1) सूर्य चिकित्सा विशारद।
(2) D.C.S. (डॉ. आफ क्रोमोपैथिक साइंस)
प्राण चिकित्सा
उपाधि—(1) प्राण विद्या विशारद।
(2) P.M.D. (डॉ. आफ पर्सनल मैगनेटिज्म)
परोक्ष ज्ञान
उपाधि—(1) दैवज्ञ। (2) D.D. (डॉक्टर आफ डिविनिटी)
अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिये उत्तर के लिये टिकट भेजते हुए पत्र व्यवहार करना चाहिये।
व्यवस्थापक—’अखण्ड-ज्योति’ कार्यालय, मथुरा
अखण्ड-ज्योति के नियम—
(1)अखंड ज्योति का वार्षिक चन्दा 1॥ मनीआर्डर से भेजना चाहिये। वी॰ पी॰ मंगाने से पैसे अधिक देने पड़ते हैं। मूल्य में कमी करने के लिये पत्र व्यवहार करना व्यर्थ है। एक वर्ष से कम के लिये ग्राहक नहीं बनाये जाते।
(2)पाठकों को जनवरी से ग्राहक बनना चाहिये, बीच के किसी मास में चंदा भेजने वालों को जनवरी से उस मास तक के पिछले अंक भेज दिये जावेंगे।
(3)अखण्ड ज्योति हर महीने की ठीक 20 तारीख को निकल जाती है। न मिले तो डाकखाने के उत्तर सहित 15 दिन के अन्दर ही लिखना चाहिये।
(4) सन् 40 के छः अंक तथा सन् 41 के कुल अंक मौजूद हैं। जो मंगाना चाहें प्रति अंक के हिसाब से मंगा सकते हैं।
(5)हर पत्र के साथ अपना पूरा पता और ग्राहक नम्बर अवश्य लिखना चाहिए। उत्तर के लिए जवाबी कार्ड या टिकट भेजना चाहिये।
मैनेजर- अखण्ड-ज्योति, मथुरा।
मैनेजर- अखण्ड-ज्योति, मथुरा।
चिकित्सा संसार में प्रतिष्ठा और विश्वासपात्र
सब से प्राचीन और विशाल भारतीय रसायनशाला एवं यन्त्रालय—
प्रसिद्ध भारतीय पेटेन्ट और श्रेष्ठ आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माता-
सुख संचारक कम्पनी लिमिटेड, मथुरा।
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कृपया ‘अखण्ड ज्योति’ का उल्लेख करते हुए, बिना मूल्य सूचीपत्र के लिए
व्यवस्थापक—सुख संचारक कम्पनी लिमिटेड, मथुरा को लिखिये।