Magazine - Year 1942 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
अन्तरंग समाचार
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
गत अप्रैल के अंक में पृष्ठ 31 पर जो ‘गुप्त निमन्त्रण’ छपा था। हर्ष की बात है कि जागृत और विचारवान सज्जनों ने “आज के समय की सब से बड़ी आवश्यकता” अनुभव करते हुए उसे स्वीकार किया है। जिन्होंने अभी तक अपने संकल्प नहीं भेजे हैं, उन्हें एक बार फिर इशारा किया जाता है कि बिना विलम्ब किये शीघ्र से शीघ्र अपने आवेदन यथाविधि भेज दें।
करीब चार सौ संकल्प पत्र आ चुके हैं, उनमें से गंभीर विचार विमर्श के पश्चात जिन्हें अन्तरंग गोष्ठी में सम्मिलित करने योग्य समझा गया है, उन्हें स्वीकार करके गोष्ठी में ले लिया गया है और सदस्यता के प्रमाण पत्र एवं दीक्षा की ‘सूचना पुस्तकें’ भेजी जा रही हैं, वर्णित उपदेशों को कार्य रूप में परिणित करने का अनुरोध है।
गुप्त साधन के अनुसार प्रेरित की हुई चैतन्य विद्युत लहरों को ग्रहण करते समय कई सदस्य कँपकँपी, रोमाँच, उष्णता अधिक अनुभव करते हैं। उन्हें चाहिए कि साधन का समय आरम्भ में पाँच मिनट रखें, फिर सहन शक्ति के अनुसार बढ़ावें। रोगी या निर्बलों को तीसरे दिन या सातवें दिन ही उस विद्युत प्रवाह को ग्रहण करना चाहिए।
उपवास से बचाया हुआ अन्न टिकट या पैसों के रूप में सार्वदेशिक सत्य प्रचार के लिए मथुरा भेजना चाहिए।
सदस्यों को चाहिए कि अपने परिचित और प्रियजनों को सत्य धर्म में प्रवेश करने का आग्रहपूर्वक अनुरोध करें। परन्तु गोष्ठी के बारे में हर किसी से चर्चा न करें। यह तो आध्यात्मिक और धार्मिक व्यक्तियों की वापसी और निजी योजना है, उसमें जागृत और आवश्यकीय व्यक्ति ही सम्मिलित किये जाने चाहिए।
गोष्ठी की सूत्र संचालक आत्माएँ अन्तरंग सदस्यों के लिये जो कृपापूर्वक प्रयत्न कर रही हैं। उनकी उपयोगिता समझना और लाभ उठाना हर किसी का काम नहीं है। इसे तो कुछ भाग्यवान ही प्राप्त कर सकेंगे। आश्चर्य नहीं कि अन्य लोगों तक यह छपी हुई सूचना भी न पहुँचे या पहुँचे तो उनका ध्यान ही इधर न आवे।
समालोचना-