Magazine - Year 1957 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
गायत्री तपोभूमि समाचार
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
गायत्री तपोभूमि में गतमास से बिजनौर के आत्मदानी वकील श्री अशर्फीलाल जी के स्थायी रूप से निवास करने के लिए आ जाने और यहाँ की व्यवस्था अपने हाथ में ले लेने से यहाँ कई महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। आचार्य जी अनेक कार्यों में व्यस्त रहने के कारण तपोभूमि की व्यवस्था पर पूरी तरह ध्यान न दे पा रहे थे इस कारण यहाँ सुव्यवस्था में जो कमी रहती थी वह अब धीरे-धीरे दूर होती चली जा रही है। आशा है कुछ ही दिनों में तपोभूमि आदर्शों की दृष्टि से ही नहीं व्यवस्था की दृष्टि से भी एक आदर्श आश्रम बनेगी ।
प्रसन्नता की बात है कि देश भर में इस बार नवरात्रि में गायत्री उपासना का आयोजन बड़े विशाल रूप में हुआ। ब्रह्मास्त्र अनुष्ठान के निर्धारित जप,पाठ लेखन हवन में अभी कमी है। उपासकों को अभी कुछ और अधिक परिश्रम करना पड़ेगा तभी निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति होगी।
तपोभूमि में तीन मेजिक लालटेन मशीनें रंगीन चित्रपट दिखाकर जनता में साँस्कृतिक प्रचार करने के लिए मंगा ली गई हैं। अब इन्हें दिखाने के लिए प्रचारक शिक्षित किये जा रहे हैं। जो देश भर में समय-समय पर होते रहने वाले यज्ञ आयोजनों में, जा-जा कर इन मशीनों की सहायता से धर्म प्रचार करते रहें, ऐसे सुयोग्य धर्म प्रचारकों की तपोभूमि में अभी बहुत कमी है। धर्म प्रचार के लिए अपने परिवार के कुछ ऐसे उत्साही सज्जन देश भर में भ्रमण करते रहने को कटिबद्ध हो जावें तो निस्संदेह एक बड़े अभाव की पूर्ति हो सकती है।
धर्म सेवा शिक्षण-शिविर
गतमास गायत्री परिवार की शाखाओं से अनुरोध किया गया था कि अपने-अपने यहाँ से कुछ ऐसे व्यक्ति यहाँ शिक्षण के लिए भेजें जो उनके शाखा संचालन कार्य में सहायक सिद्ध हो सकें। इस प्रकार की धर्म सेवा का शिक्षण शिविर ता. 14 मई से 14 जून तक एक महीने चलेगा। जिन छात्रों को स्वीकृति दी जा चुकी है वे 13 की शाम तक आ जावें ताकि ता. 14 से शिक्षण आरम्भ किया जा सके।
अ. भा. गायत्री परिवार सम्मेलन
इस वर्ष गायत्री जयन्ती के अवसर पर अ. मा. गायत्री परिवार सम्मेलन बुलाने का निश्चय किया गया है। इसकी तिथियाँ ज्येष्ठ सुदी 10 (गायत्री जयन्ती) से लेकर ज्येष्ठ सुदी पूर्णिमा तक तदनुसार 7,8,9,10,11,12 जून होंगी।
अब तक नवरात्रियों में गायत्री परिवार के सदस्य मथुरा आया करते थे और अनुष्ठान, हवन, तीर्थ, यात्रा, प्रवचन आदि का लाभ उठाते थे। अब यह नीति निर्धारित कर दी गई कि नवरात्रियों का आयोजन सभी उपासक अपने-अपने यहाँ करें और वर्ष में एक बार परिवार के प्रमुख सदस्य एकत्रित होकर परस्पर मिल-जुल लिया करें। सम्मेलन के उद्देश्य यह हैं :-
गायत्री परिवार के कार्यकर्त्ताओं का एक दूसरे से अधिक परिचय एवं परस्पर घनिष्ठ सम्बन्धों की स्थापना। (2)अपनी उपासना सम्बन्धी प्रगति, शंका, कठिनाई एवं आगामी कदम के सम्बन्ध में परामर्श (3)इस वर्ष के अत्यन्त महत्वपूर्ण ब्रह्मास्त्र अनुष्ठान पर विचार-विनिमय। (4) गायत्री परिवार की शाखा संस्थाओं की प्रगति एवं भावी योजनाओं का निर्धारण। (5) साँस्कृतिक पुनरुत्थान योजना के लिए आगामी वर्ष की रूप रेखा। (6) परिजनों के व्यावहारिक जीवन में उपस्थित समस्याओं पर आवश्यक मार्ग-दर्शन। (7) विश्व की मानव जाति की, वर्तमान स्थिति को समझना और उसे सुलझाने का मार्ग ढूँढ़ना।
इन पंक्तियों को ही निमन्त्रण पत्र मानकर गायत्री प्रेमी इस अवसर पर पधारने की तैयारी करें।