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कंटकों को फूल कर दूँ
कंटकों को फूल कर दूँ (Kavita)
अध्यात्म ही एकमात्र सत्य धर्म है।
भक्ति का वास्तविक स्वरूप
मनुष्य देवता बन जायगा
मनुष्य-जीवन में अनुशासन और गायत्री-मंत्र
सफलता का रहस्य
अवतार और उसके कार्य
सतगुरु की कृपा से जीवन्मुक्त पद की प्राप्ति
मूर्ति-पूजा का वास्तविक तात्पर्य और महत्व
मृत्यु के समय रोना पीटना अनुचित है।
मनुष्य का उत्तरदायित्व और उसका कर्तव्य
धर्म बनाम समाजवाद
भारतीय विज्ञान का अपूर्व ग्रन्थ
विश्वामित्र ऋषि और गायत्री
मन की अपार शक्ति और उसका उपयोग
भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान के लिए गायत्री ज्ञान मन्दिरों की स्थापना आवश्यक है।
गायत्री-प्रेमियों को आवश्यक सूचनाएँ
अरी तृष्णे, अब मुझको त्याग।
अरी तृष्णे, अब मुझको त्याग (Kavita)
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Year 1958 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
कंटकों को फूल कर दूँ
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