Magazine - Year 1970 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
मनुष्य की संकल्प-शक्ति
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
एक बार भगवान बुद्ध से उनके प्रिय शिष्य ने पूछा-’प्रभो! क्या संसार में ऐसी भी कोई वस्तु है, जो चट्टानों से भी अधिक कठोर हो?’ बुद्ध ने कहा ‘हाँ, लोहा है जो चट्टानों से भी कठोर है।’ शिष्य ने फिर पूछा- क्या ऐसी भी कोई वस्तु है, जो लोहे से भी कठोर और मजबूत हो?’ बुद्ध ने कहा ‘हाँ, अग्नि है। यह लोहे को भी पिघला देती है।’ शिष्य ने फिर पूछा-’अग्नि से भी बढ़कर कौन-सी वस्तु है?’ बुद्ध ने उत्तर दिया-’पानी, जो अग्नि को भी बुझाने की सामर्थ्य रखता है।’ शिष्य की जिज्ञासा अब भी शान्त नहीं हुई। उसने पुनः प्रश्न किया-’पानी से भी श्रेष्ठ कोई वस्तु हो सकती है?’
बुद्ध ने कहा-’हाँ, वायु। वह जल के प्रवाह को बदल देती है। पानी बरसाने वाले मेघों को भी तितर-बितर कर देती है।’
शिष्य ने अन्त में पूछा-’प्रभो! क्या विश्व में ऐसी भी वस्तु है, जो वायु से भी बलवान् है, श्रेष्ठ है?’
बुद्ध ने उत्तर दिया-’हाँ, वह है मनुष्य की संकल्प-शक्ति। संकल्प-शक्ति के द्वारा मनुष्य वायु को भी अपने वश में कर सकता है। संकल्प-शक्ति के बल पर मनुष्य अनेक ऐसे महान कार्यों को सम्पन्न कर लेता है, जो सामान्य लोगों के लिये आजीवन असम्भव जान पड़ते हैं।’