• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • जिसे जीना आता है वह सच्चा कलाकार-अरस्तु
    • विश्व मैत्री
    • प्रेम- प्रतिरोपण से पत्थर भी परमात्मा
    • बिन्दु में सिन्धु समाया
    • मनुष्य-अनन्त शक्तियों का भाण्डागार
    • जीवनोद्देश्य से विमुख न हुजिये
    • बाहर नहीं भीतर देखते हैं
    • असुरता के संहार में प्रवृत्त हमारी अन्तःचेतना
    • सौ प्यारे कौ सौ दुःख
    • उपकारिणी धरती माता
    • समय और चेतना से उठकर आत्म चेतना के दर्शन
    • संख्या नहीं समर्थता जिन्दा रहेगी
    • प्रयोग कितने उत्पीड़क
    • प्रतिव्रत ही नहीं पत्नीव्रत भी
    • सजीव स्वर्ग- हिमालय की घाटी
    • एक भाषा (संस्कृत भाषा) पुष्प
    • मोह माया भ्रमित जग
    • मकड़ी भी भगवान् दत्तात्रेय के गुरु
    • अज्ञान में रहना अन्धकार में भटकना है
    • बिना कुछ खायें जिन्दगी बीत गयी
    • अपनी संस्कृति को प्रवासी पक्षी भी नहीं भूलते
    • हम सुधरे तो बच्चे सुधरें-वैज्ञानिक दृष्टि
    • विज्ञान और धर्म में पारस्परिक संबंध
    • शरीर के हरिजन फेफड़े
    • अपनों से अपनी बातें- कला की शक्ति लोक मंगल में लग जाय
    • धर्मात्मा गिद्धराज जटायु
    • अब बलिदानों की बात करो (कविता) - माया वर्मा
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • जिसे जीना आता है वह सच्चा कलाकार-अरस्तु
    • विश्व मैत्री
    • प्रेम- प्रतिरोपण से पत्थर भी परमात्मा
    • बिन्दु में सिन्धु समाया
    • मनुष्य-अनन्त शक्तियों का भाण्डागार
    • जीवनोद्देश्य से विमुख न हुजिये
    • बाहर नहीं भीतर देखते हैं
    • असुरता के संहार में प्रवृत्त हमारी अन्तःचेतना
    • सौ प्यारे कौ सौ दुःख
    • उपकारिणी धरती माता
    • समय और चेतना से उठकर आत्म चेतना के दर्शन
    • संख्या नहीं समर्थता जिन्दा रहेगी
    • प्रयोग कितने उत्पीड़क
    • प्रतिव्रत ही नहीं पत्नीव्रत भी
    • सजीव स्वर्ग- हिमालय की घाटी
    • एक भाषा (संस्कृत भाषा) पुष्प
    • मोह माया भ्रमित जग
    • मकड़ी भी भगवान् दत्तात्रेय के गुरु
    • अज्ञान में रहना अन्धकार में भटकना है
    • बिना कुछ खायें जिन्दगी बीत गयी
    • अपनी संस्कृति को प्रवासी पक्षी भी नहीं भूलते
    • हम सुधरे तो बच्चे सुधरें-वैज्ञानिक दृष्टि
    • विज्ञान और धर्म में पारस्परिक संबंध
    • शरीर के हरिजन फेफड़े
    • अपनों से अपनी बातें- कला की शक्ति लोक मंगल में लग जाय
    • धर्मात्मा गिद्धराज जटायु
    • अब बलिदानों की बात करो (कविता) - माया वर्मा
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1970 - Version 1

Media: SCAN
Language: HINDI
SCAN TEXT


जिसे जीना आता है वह सच्चा कलाकार-अरस्तु

2 Last
2 Last


Other Version of this book



Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...

Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • जिसे जीना आता है वह सच्चा कलाकार-अरस्तु
  • विश्व मैत्री
  • प्रेम- प्रतिरोपण से पत्थर भी परमात्मा
  • बिन्दु में सिन्धु समाया
  • मनुष्य-अनन्त शक्तियों का भाण्डागार
  • जीवनोद्देश्य से विमुख न हुजिये
  • बाहर नहीं भीतर देखते हैं
  • असुरता के संहार में प्रवृत्त हमारी अन्तःचेतना
  • सौ प्यारे कौ सौ दुःख
  • उपकारिणी धरती माता
  • समय और चेतना से उठकर आत्म चेतना के दर्शन
  • संख्या नहीं समर्थता जिन्दा रहेगी
  • प्रयोग कितने उत्पीड़क
  • प्रतिव्रत ही नहीं पत्नीव्रत भी
  • सजीव स्वर्ग- हिमालय की घाटी
  • एक भाषा (संस्कृत भाषा) पुष्प
  • मोह माया भ्रमित जग
  • मकड़ी भी भगवान् दत्तात्रेय के गुरु
  • अज्ञान में रहना अन्धकार में भटकना है
  • बिना कुछ खायें जिन्दगी बीत गयी
  • अपनी संस्कृति को प्रवासी पक्षी भी नहीं भूलते
  • हम सुधरे तो बच्चे सुधरें-वैज्ञानिक दृष्टि
  • विज्ञान और धर्म में पारस्परिक संबंध
  • शरीर के हरिजन फेफड़े
  • अपनों से अपनी बातें- कला की शक्ति लोक मंगल में लग जाय
  • धर्मात्मा गिद्धराज जटायु
  • अब बलिदानों की बात करो (कविता) - माया वर्मा
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj