Magazine - Year 1973 - Version 2
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Language: HINDI
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हराम की कमाई से पछतावा ही हाथ लगता है।
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हराम का धन पाते और उसके सुखोपभोग की आकांक्षा न तो सैनिक है और न प्रकृति परम्पराओं के अनुरूप। इस दिशा में जिसने प्रयास किया उसे निराशा पश्चाताप और खोज के सिवाय और कुछ हाथ नहीं लगा। फलता फूलता वही धन है, जो परिश्रम और ईमानदारी से साथ कमाया जाय। स्थिरता और सत्परिणाम उत्पन्न करने की क्षमता भी उसी में होती है।
सट्टा, जुआ, लाटरी द्वारा कमाई गई आमदनी भी चोरी डकैती की तरह अनैतिक ही है। नियति की इच्छा यह है कि मनुष्य बुद्धि और काया की क्षमता विकसित कर और उनके द्वारा परिपूर्ण श्रम करके जो उपलब्ध हो, उस धन से अपनी सुख शान्ति का पथ प्रशस्त करें। किन्तु कितने लोग सरलता पूर्वक झटके की कमाई करके गुलछर्रे उड़ाने की बात सोचते रहते हैं। इसके लिये वे कई बार दुस्साहसपूर्ण कदम भी उठाते हैं। इस प्रयास में अधिकांश को असफल रहना पड़ता है। कभी किसी का दाव लग भी जाय तो देखा गया है कि वह उस सुखोपभोग से सर्वथा वंचित ही रहता है, जिसकी आशा से कुमार्ग पर चलने और कुकर्म करने के लिये कदम बढ़ाया गया था। चोरी-डकैती का उपार्जन और उसकी निरर्थकता को देखते हुये इसी परिणाम पर पहुँचना पड़ता है।
समुद्री डाकेजनी का एक संगठित गिरोह बनाकर कप्तान किड ने किसी समय अमेरिका में एक प्रकार का आतंक उत्पन्न कर दिया था। उन दिनों अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का एकमात्र माध्यम जलयान ही थे। किड का गिरोह इस घात में रहता था कि सबसे अधिक धन लेकर कौन जहाज किस बन्दरगाह पर जा रहा है, जिसमें अधिक जोखिम उठानी पड़े और कम लाभ मिले ऐसे जहाजों पर वह हाथ नहीं डालता था। पर जिसकी लूट से उसे प्रचुर धन की आशा होती उसे हाथ से न जाने देता। उसके गिरोह में न केवल अच्छे गोताखोर तैराक थे वरन् गोलाबारी कला में प्रवीण निशानेबाज और आग्नेय अस्त्र भी थे। उन्होंने सैकड़ों डाके डाले और उस समुद्री लूट से अरबों की सम्पत्ति इकट्ठी की।
साथियों को बाँटने के बाद किड के पास प्रचुर सम्पत्ति बचती थी, उसे वह समुद्र तट के आस-पास जंगलों में हीरे मोतियों के, सोने चाँदी के रूप में लोहे के घड़ों और सन्दूकों में बन्द करके गाढ़ देता था। अपने जीवन काल में उसने प्रचुर सम्पत्ति लूटी और बक्सों में बन्द करके अनेक स्थानों पर दबाई।
यह सब तो होता रहा पर किड उस धन का कुछ उपयोग न कर सका। वह जहाँ का तहाँ जमीन में गढ़ा ही रहा गया। किड के साथियों के अनुसार वह खजाने एक सौ से अधिक स्थानों पर दबे होने चाहिये। अनुमानों और गवाहियों और आम लोगों के आधार पर इस सम्पत्ति का अनुमान और स्थान जो समझा जाता है, उसमें से कुछ का विवरण इस प्रकार है-
लाँग आइलैंड साउण्ड के फिशर्स में ढाई लाख डालर का सोना।
-चालीस लाख डालर का सोना चाँदी जवाहरात वेस्ट पाइंट के पास हडसन हाइ लेण्डस मनीहिल में।
-साठ लाख डालर के सोना, चाँदी, रत्न, भंडार कनैक्टक्ट नदी के ब्रार्क आइलैंड में। स्टोनी बुक ओल्डलाइम बैदर्स फील्ड के आस-पास
-अस्सी लाख डालर की सम्पत्ति न्यू जरसी इलाके में केप में पाइण्ट के आस-पास की भी तालाब में।
-तीस लाख डालर का सोना चाँदी बाम्बी हुक आई लैण्ड तथा केली द्वीप की तिरछी चट्टानों के नीचे।
-रोड आइलैण्ड पाइरैटस कोब के आस-पास दस लाख डालर का सोना चाँदी।
-मैसेचूसेटस के विलिमगटन डेल्विस डेन क्षेत्र में करोड़ों डालर का विशाल रत्न भंडार। चैशायर क्षेत्र में तीन लाख डालर की स्वर्ण मुद्रायें टाप पोलित कोव नौशोन आइलैण्ड के पूर्वी किनारे पर सत्रह बड़े घड़े सोना। टरनर्स फाल्स और विन्थौपा के इर्द गिर्द आठ पेटी रत्न राशि।
-न्यू हैम्पशायर के एण्टरिम क्षेत्र में कुदैग मर्जेण्ट जहाज की लूट का सत्तर लाख डालर का माल।
-वूथ व हार्वर के आउटर हेरोन आइलैण्ड में बीस लाख डालर सोने की छड़ें।
-शीप्स काट नदी के किनारे वायके सेट इलाके में एक लाख गिन्नियाँ, जिसमें से हजारों तो निकाली भी जा चुकीं।
-फार्मलैण्ड क्षेत्र से एजकाम्ब इलाके में पाँच लाख डालर के जवाहरात।
-ड्रस्डेन मिल्स के पास मनीहोल्स में बारह लाख डालर का सोना चाँदी।
-आइल आऊ हाट के मनीकोव में पन्द्रह लाख डालर की सम्पदा।
-स्टोनी ब्रुक के पास फोर्ट पाइण्ट कोव में पन्द्रह लाख डालर की स्वर्ण सम्पदा चार घड़ों में।
-पेनोल्स काट क्षेत्र में काडलेड क्रीक के आस-पास बीस लाख डालर की रत्न राशि।
-कास्को वे में डियर आइल के आस-पास पैंतीस लाख डालर की सोने की छड़ें।
कुछ लोग स्वयं तो अनैतिक कर्म करके डाकुओं जैसा दुस्साहस नहीं करते पर यह सोचते रहते हैं कि कहीं गढ़ा हुआ खजाना मिल जाय, लाटरी खुल जाय, बाप दादों की कमाई के बल पर गुलछर्रे उड़ाने का अवसर मिल जाय। स्वयं की क्षमता बढ़ाने और पुरुषार्थ में संलग्न होने के झंझट से बचकर समृद्धि की पगडंडियाँ ढूँढ़ते रहने वालों का भी प्रायः असफलता ही मिलती है।
खजाना पाने के लालच में न जाने कितने लोग अपार श्रम करते, पूँजी लगाते और कष्ट उठाते हैं। उतना ही प्रयत्न यदि-उतना ही प्रयास स्वस्थ उत्पादन के लिये किया गया होता तो लागत से कहीं अधिक लाभ मिलता, जब कि हराम की कमाई के लिये लालायित लोग कमाते कुछ नहीं, गँवाते ही हैं। निराशा और खीज़ पल्ले पड़ती है, सो अलग।
एक सात फुट चौड़ा और चार फुट ऊँचा एक बड़ा बहुमूल्य रत्न राशि और स्वर्ण खण्डों में भरा पूरा सब की जानकारी में है। उसे प्राप्त करने के लिये डेढ़ सौ वर्षों से घोर प्रयत्न किये जा रहे हैं, पर अभी तक यह सम्भव न हो सका कि उसे निकाल कर मानवी अधिकार में लिया जा सके।
अमरीका की मिसिसिपी नदी के किनारे सुन्दर क्षेत्र में फैला हुआ होमोचिटो जंगल जितना सघन है उतना ही सुरम्य भी। उस जंगल के एक क्षेत्र पर बसा हुआ एक छोटा गाँव है, नैट चेज। उससे बीस मील आगे एक धनी किसान रीवरडोव का लम्बा चौड़ा कृषि फार्म है। इस फार्म के उत्तरी भाग में मिसिसिपी नदी का एक दलदली डेल्टा है। वहाँ खड़े होने से एक चौड़ा बहुत चौड़ा छेद देखा जा सकता है। यह अब तक क्रमशः अधिकाधिक चौड़ा ही होता चला आया है। इसी छेद में दबा पड़ा है उपरोक्त अपार धन राशि से भरा रत्न कुंभ उसे निकालने के अब तक के सारे प्रयत्न बेकार होते चले आये हैं। कहते हैं कि एक प्रेतात्मा उस पर अधिकार जमाये बैठी है, और वह उसे निकालने के लिये किये गये हर प्रयत्न को असफल कर देती है।
इस खजाने को प्राप्त करने के लिये रीवरडोव के पूर्वज प्रयत्न करते रहे थे। उन्होंने उस डेल्टा के पास एक मकान भी कृषि-व्यवस्था की देख भाल के लिये बनाया था। पर उस क्षेत्र में भूतों का आधिपत्य समझ कर डर के मारे उसे छोड़ देना पड़ा। तब से वह ऐसे ही खाली पड़ा है। उसमें रहना तो दूर किसी की हिम्मत उसमें ठहरने की भी नहीं पड़ती।
खजाने को निकालने के प्रयास एक प्रकार से छोड़ ही दिये गये थे, पर रीवर डोव ने हिम्मत करके फिर कमान संभाली और उसने खुद ही अपार धनराशि के प्राप्त करने के लिए कदम आगे बढ़ाया।
पूर्वजों के छोड़े हुए नक्शों के आधार पर उसने डेल्टा के उस देश में प्रवेश किया और अपने साथियों सहित फावड़े चलाये। कीचड़ में पैर बार-बार धँस जाते थे पर खुदाई जारी रखी गई। फावड़ा किसी धातु के बने बर्तन से टकराया और ठन्न की आवाज हुई। कीचड़ हटा कर देखा गया तो एक लोहे का बना विशालकाय घड़ा सामने था। हीरे पन्नों से भरे इस घड़े में अरबों की सम्पत्ति बताई जाती है। उतनी दौलत सामने रखी देखकर डीव की आंखें चमक उठी। धातु ढक्कन मजबूती से बन्द किया हुआ था। उसे खोलना सम्भव न था अतः यही निश्चय किया कि आस-पास की कीचड़ हटाकर उसे उभारा जाय और प्रयत्न पूर्वक समूचे घड़े को ही बाहर खींचा जाय। रस्सी से बाँधने के लिये आसपास की कीचड़ हटाया जाना आवश्यक था। डीव उसी में जुटा।
पर यह क्या-जितना ही कीचड़ हटाने का प्रयत्न किया गया, उतना ही घड़ा नीचे धँसता गया। कुछ देर में डीव ने देखा कि न केवल घड़ा वरन् वह खुद भी कीचड़ में बहुत गहरा धँस चुका है। उसे जान के लाले पड़ गये, और लगातार छः घण्टे कीचड़ में लड़कर वह बाहर निकल सकने में सफल हुआ।
कहा जाता है कि किसी जमाने में नेटचेज और न्यू आलिएन्स के बीच एक पाँच सौ मील लम्बी सड़क थी और उस पर अच्छा व्यापार होता था। उसी क्षेत्र में कई डाकू दल भी थे और वे भारी लूट पाट करते थे। इन्हीं डाकुओं के सरदारों में लैफिट, मेसन, हार्प में से किसी का है, और उन्होंने तब उसे सुरक्षित जगह समझ कर वह धन-राशि यहाँ गाढ़ी थी। पीछे नदी का पानी रिसता रहा और दलदल बन गया। डाकू पकड़े और मारे गये और वह धन जहाँ का तहाँ गढ़ा रह गया। रीवर के पूर्वजों के उस वीरान भूमि को खजाने सम्बन्धी प्रकाशित किम्वदन्ती के कारण ही खरीद ली थी।
कितने ही इंजीनियर ठेकेदार तथा दूसरे कुशल कर्मी हर वर्ष दलदल से घड़ा निकालने की योजना लेकर आते रहे, उनका प्रतिशत निकालने वालों को मिलने को लिखित इकरार नामों के आधार पर विशालकाय बहुसंख्यक श्रमिकों तथा बाँस, बल्ली, रस्से आदि उपकरणों की सहायता से उसे निकालने का सिर तोड़ परिश्रम करते रहने पर हाथ इतना ही लगता है कि घड़ा और गहरा धँस जाता है। और खुदाई का छेद पहले की अपेक्षा अधिक चौड़ा हो जाता है। यह गोल्ड होल अमेरिकी बुद्धि कौशल और तकनीकी पुरुषार्थ के लिये अभी भी एक चुनौती बना हुआ है।
इस संदर्भ में सबसे बड़ा प्रयत्न सन् 1939 में हुआ। पम्प से पानी निकालने, भारी बुलडोजरों मशीनों से कीचड़ हटाने तथा बगल से रास्ता बनाने के उपाय इंजीनियरों की समिति ने बनाई, लाखों रुपयों की यह योजना बड़े उत्साह के साथ कार्यान्वित की गई। पर सफलता आकाश कुसुम की तरह आगे ही बढ़ती गई। सामने रखा घड़ा निकालने वालों के पुरुषार्थ को चुनौती ही देता रहा और व्यंग ही करता रहा। क्रेन लगाकर जब घड़े की गरदन जकड़ ली गई और निकलने की आशा बँध चली तब अकस्मात् इतनी विकट वर्षा प्रारम्भ हो गई कि सारा प्रयत्न गुड़ गोबर हो गया। बुलेक और स्टिक्लोन जैसे ख्याति नाम इंजीनियर सिर पिटते हुये वापिस लौट गये।
इस प्रयास की असफलता का समाचार उस क्षेत्र के आदिवासियों ने बड़े उत्साह के साथ सुना और अपनी बात पर बहुत विश्वास प्रकट करते हुये कहा कि डाकू मेसन का सिर कटा भूत उस खजाने की रखवाली मुस्तैदी से करता है और वह इतना जबरदस्त है कि कोई प्रयत्न उसके विरुद्ध सफल नहीं हो सकता।
गढ़ा खजाना पाने के पुराने ढर्रे ने अब आधुनिक रूप धारण किया है। “लाटरी” इस गोरखधन्धों में लोग बेतरह जेब काटते हैं। लाटरी में से किसी के हाथ ही कुछ पड़ता होगा। शेष तो खजाना पाने के लालायित की तरह लार टपकाते ही रह जाते हैं। काश, न्याय और श्रम से अर्जित आमदनी से संतुष्ट रहना सीख लिया गया होता तो उस थोड़ी कमाई में भी सुख शान्ति की प्रचुर मात्रा हर किसी को सहज ही मिल सकती।