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आड़े समय की विषमता और वरिष्ठों की जिम्मेदारी
भविष्य कथन सम्भव ही नहीं तथ्य सम्मत भी
प्रतिभा का जागरण प्रतिकूल परिस्थितियों में ही
सह्याद्रि का पवन पुत्र
समझदारों की दिग्भ्रान्त प्रज्ञा
पुरुषार्थ का पूरक परमात्मा बल
हरिजनों का हरि देवदूत
खुल जा सिम सिम
अदृश्य बाजीगर की मनोरंजन की पिटारी
आवश्यकता है इस युग के सुप्रिया की
हमारे अपने वश में है, शरीर चेतना
कठिन समस्याओं के सरल समाधान
चेतना का विकास संवेदना के सतर पर निभर्र
दैवी अनुग्रह व अनुदान किनको
क्या स्वर्ग एवं मुक्ति इतने सुगम व सस्ते हैं
जिसने अनुभव की मानवता की पीर
इस दिव्य अनुदान को व्यर्थ न जानें दें
नीति-निष्ठा अपनाने के सत्परिणाम
विरासत जो वरदान बन गई
मात्र वतर्मान का ही विचार करें
मधु संचय
प्राण विद्युत का परिमाजर्न एवं उन्नयन
भीतर की तड़पन सक्रियता में बदलें
इक्कीसवीं सदी के आधार स्तम्भ
साक्षरता की देवी
अध्यात्म का मूल मंत्र निभीर्कता
पिछड़ों को हमदर्द शोषितों के मसीहा
यह जीवन प्रभुमय कैसे बनें
विचारों की व्यापकता और सशक्तता
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-
Year 1990 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
मधु संचय
First
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41
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Other Version of this book
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
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भविष्य कथन सम्भव ही नहीं तथ्य सम्मत भी
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