News
Blogs
Gurukulam
English
हिंदी
×
My Notes
TOC
दुर्बुद्धि भस्मासुर इस तरह जल मारा
नहुष काम मनोविकार उसके पतन का कारण बना
भूल देवताओं के लिए भी क्षम्य नहीं
तन ही नहीं मन भी निर्मल हो
शक्तिशाली पापी भी अंत में मारा ही जाता है
परमार्थ मैं पाप की अपेक्षा अधिक शक्ति है
इस पंचभौतिक शरीर से आसक्ति क्यों ?
तो फिर आप यहां क्या कर रहे हैं
मनोबल हो तो कुछ भी असंभव नहीं
निर्धनता में पर भी धन के प्रति आकर्षण नहीं
मृत्यु भी जिस से हार मान गई
अभिमान बातों से नहीं क्रियाओं से व्यक्त होता है
शंकर और दधीचि की परंपरा जीवित
वफादारी और ईमानदारी तो मनुष्य का धर्म हैहै
प्रगाढ़ प्रेम जिसमें साहस और संतुलन भी जुड़ा है
श्रम की आराधना ही जीवन की सच्ची साधना है
प्रगति का मार्ग सबके लिए खुला
जीवनविद्या के आचार्य
श्रेष्ठ कार्य के लिए मुहूर्त की क्या आवश्यकता?
वह नहीं जानता कि खुदा ने उसे क्यों पैदा किया?
मरने पर केवल लुकारी ही मिलेगी
प्रोत्साहन अनुपम चमत्कार
हिन्दू समाज की संकीर्णता का ऐसा भयावह दुष्परिणाम
अंधे तैराकों ने इंग्लिश चैनल पार की
सही अर्थों में ब्राह्मण जीवन
बड़ों की दुष्प्रवृत्तियों ही सामाजिक पतन का मूल कारण है
My Note
Books
SPIRITUALITY
Meditation
EMOTIONS
AMRITVANI
PERSONAL TRANSFORMATION
SOCIAL IMPROVEMENT
SELF HELP
INDIAN CULTURE
SCIENCE AND SPIRITUALITY
GAYATRI
LIFE MANAGEMENT
PERSONALITY REFINEMENT
UPASANA SADHANA
CONSTRUCTING ERA
STRESS MANAGEMENT
HEALTH AND FITNESS
FAMILY RELATIONSHIPS
TEEN AND STUDENTS
ART OF LIVING
INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
THOUGHT REVOLUTION
TRANSFORMING ERA
PEACE AND HAPPINESS
INNER POTENTIALS
STUDENT LIFE
SCIENTIFIC SPIRITUALITY
HUMAN DIGNITY
WILL POWER MIND POWER
SCIENCE AND RELIGION
WOMEN EMPOWERMENT
Akhandjyoti
Login
Search
Books
-
देखन मे छोटे लगे घाव करे गंभीर भाग-3
Media: SCAN
Language: HINDI
दुर्बुद्धि भस्मासुर इस तरह जल मारा
2
Last
2
Last
Other Version of this book
देखन में छोटे लगें घाव करें गम्भीर (चतुर्थ भाग)
Type: TEXT
Language: HINDI
...
देखन मे छोटे लगे घाव करे गंभीर भाग-2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
देखन मे छोटे लगे घाव करे गंभीर भाग-1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
देखन मे छोटे लगे घाव करे गंभीर भाग-2
Type: SCAN
Language: HINDI
...
देखन मे छोटे लगे घाव करे गंभीर भाग-3
Type: SCAN
Language: HINDI
...
देखन में छोटे लगें घाव करें गंभीर भाग 4
Type: SCAN
Language: HINDI
...
Releted Books
अपने दीपक आप बनो तुम
Type: SCAN
Language: HINDI
...
अपने दीपक आप बनो तुम
Type: TEXT
Language: HINDI
...
अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान - 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -4
Type: SCAN
Language: HINDI
...
अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -3
Type: SCAN
Language: HINDI
...
अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान-1
Type: TEXT
Language: HINDI
...
अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -2
Type: SCAN
Language: HINDI
...
अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...
રામકથાની પ્રબળ પ્રેરણા
Type: SCAN
Language: GUJRATI
...
प्रेरणाप्रद भरे पावन प्रसंग
Type: TEXT
Language: HINDI
...
ગાયત્રીના પ્રત્યક્ષ ચમત્કાર
Type: SCAN
Language: GUJRATI
...
ഗായത്രിയുടെ പ്രത്യക്ഷത്തിൽകണ്ട അത്ഭുതങ്ങള്
Type: SCAN
Language: MALAYALAM
...
गायत्री के प्रत्यक्ष चमत्कार
Type: SCAN
Language: HINDI
...
Pragya Puran Stories -1
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...
Pragya Puran Stories -2
Type: TEXT
Language: ENGLISH
...
The Pioneers Of Scientific Spirituality
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...
वैज्ञानिक अध्यात्म के क्रान्ति दीप
Type: TEXT
Language: HINDI
...
वैज्ञानिक अध्यात्म के क्रान्ति दीप
Type: SCAN
Language: HINDI
...
प्रज्ञा पुराण भाग-4
Type: SCAN
Language: HINDI
...
प्रज्ञा पुराण भाग 3
Type: SCAN
Language: HINDI
...
प्रज्ञा पुराण भाग-4
Type: TEXT
Language: HINDI
...
प्रज्ञा पुराण भाग-1
Type: TEXT
Language: HINDI
...
प्रज्ञा पुराण भाग-1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
પોતાનો દીપક સ્વયં બનો
Type: SCAN
Language: GUJRATI
...
Articles of Books
दुर्बुद्धि भस्मासुर इस तरह जल मारा
नहुष काम मनोविकार उसके पतन का कारण बना
भूल देवताओं के लिए भी क्षम्य नहीं
तन ही नहीं मन भी निर्मल हो
शक्तिशाली पापी भी अंत में मारा ही जाता है
परमार्थ मैं पाप की अपेक्षा अधिक शक्ति है
इस पंचभौतिक शरीर से आसक्ति क्यों ?
तो फिर आप यहां क्या कर रहे हैं
मनोबल हो तो कुछ भी असंभव नहीं
निर्धनता में पर भी धन के प्रति आकर्षण नहीं
मृत्यु भी जिस से हार मान गई
अभिमान बातों से नहीं क्रियाओं से व्यक्त होता है
शंकर और दधीचि की परंपरा जीवित
वफादारी और ईमानदारी तो मनुष्य का धर्म हैहै
प्रगाढ़ प्रेम जिसमें साहस और संतुलन भी जुड़ा है
श्रम की आराधना ही जीवन की सच्ची साधना है
प्रगति का मार्ग सबके लिए खुला
जीवनविद्या के आचार्य
श्रेष्ठ कार्य के लिए मुहूर्त की क्या आवश्यकता?
वह नहीं जानता कि खुदा ने उसे क्यों पैदा किया?
मरने पर केवल लुकारी ही मिलेगी
प्रोत्साहन अनुपम चमत्कार
हिन्दू समाज की संकीर्णता का ऐसा भयावह दुष्परिणाम
अंधे तैराकों ने इंग्लिश चैनल पार की
सही अर्थों में ब्राह्मण जीवन
बड़ों की दुष्प्रवृत्तियों ही सामाजिक पतन का मूल कारण है